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SMS अस्पताल अग्निकांड की जांच न्यायिक आयोग से करवाए सरकारः अशोक गहलोत

Government should get SMS Hospital fire incident investigated by judicial commission: Ashok Gehlot - Jaipur News in Hindi

जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में हुए अग्निकांड (फायर हादसे) की घटना पर राज्य सरकार के रवैये पर कड़ा विरोध जताते हुए इसकी जांच न्यायिक आयोग से करवाने की मांग दोहराई है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जल्दबाजी में बनाई गई कमेटी सिर्फ "लीपापोती" करने जैसा है, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका नहीं जा सकेगा। पूर्व मुख्यमंत्री ने अस्पताल अग्निकांड के बाद की स्थिति को "अव्यवस्था" बताते हुए कहा, "हम लोग वहां गए तो परिवारजन चिल्ला रहे थे कि हमारे मरे हुए परिवार वालों की बॉडी कहाँ है। ऐसी अव्यवस्था कभी नहीं देखी।" उन्होंने आरोप लगाया कि देर रात मुख्यमंत्री के मौके पर पहुंचने के बावजूद, परिवारजनों से उनकी मुलाकात नहीं करवाई गई। गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री अगर उनसे मिलवा देते, तो कम से कम उन्हें यह यकीन होता कि सरकार चिंतित है और उनके साथ न्याय होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का परिजनों से संवाद न करना एक "गैप" बन गया, जिसके कारण लोगों में आक्रोश और बढ़ गया। न्यायिक आयोग की मांग क्यों?
गहलोत ने अपनी मुख्य मांग दोहराते हुए स्पष्ट किया कि उन्होंने न्यायिक आयोग की मांग क्यों की है। उन्होंने कहा: "मैंने जो मांग करी, मुख्य बात जो अब मैं कहना चाहता हूँ। मैंने जो मांग करी कि इसका जो है न्यायिक आयोग बिठाओ। इसका मतलब क्या है? अगर कोई आयोग बैठता है तो खाली इस घटना की जाँच नहीं होती, घटना के कारण क्या रहे हैं, कहाँ लापरवाही हुई है, क्यों ऐसी घटनाएं होती है, संभावनाएँ क्या होती हैं, कैसे संभावना समाप्त हो सकती है, क्या-क्या कदम उठाने चाहिए—सब बातों की जाँच होती है।" उन्होंने आगे कहा कि जब न्यायिक आयोग की जाँच होती है, तो उसकी रिपोर्ट में यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि भविष्य में अस्पताल के अंदर ऐसी कोई घटना न हो।
सरकार पर लीपापोती का आरोपः गहलोत ने मौजूदा सरकारी जाँच पर सवाल उठाते हुए कहा, "ये लीपापोती वाली जाँच करवा रहे हो, पाँच-सात लोगों की कमेटी बना दी, सात दिन रिपोर्ट दो, रिपोर्ट दे देंगे वो तो, बात खत्म हो जाएगी, दो-चार लोगों को आप सस्पेंड कर दोगे।"
पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी बात को झालावाड़ और कफ सिरप से बच्चों की मौत जैसी पिछली घटनाओं से जोड़ते हुए कहाकि यह केवल एक अस्पताल की बात नहीं है, बल्कि सरकार को एक लॉन्गटर्म दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरी मांग यही है कि न्यायिक जाँच बिठाई जाए, ताकि चाहे स्कूल हों या अस्पताल, सभी शिकायतों की एक व्यापक रिपोर्ट तैयार हो सके और जनता के बीच सरकार की पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।

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Web Title-Government should get SMS Hospital fire incident investigated by judicial commission: Ashok Gehlot
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