जयपुर। राज्य सरकार भीलवाड़ा जिले के पुर गांव के मकानों और सड़कों में आ रही दरारों की वर्षाें पुरानी समस्या के समाधान के लिए विस्तृत वैज्ञानिक अध्ययन कराएगी। यह अध्ययन रूड़की स्थित केन्द्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान (सीआईएमएफआर) और केन्द्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) तथा आईआईटी रूड़की से कराया जाएगा। इन प्रतिष्ठित संस्थानों की रिपोर्ट के आधार पर सरकार इस समस्या के समाधान के लिए कार्ययोजना तैयार करेगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
खान मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया कि राज्य सरकार पुर गांव की इस स्थानीय समस्या को लेकर गंभीर है। इसके समाधान के लिए मुख्य सचिव को निर्देश दिए गए थे। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वैज्ञानिकों के साथ बैठक कर चर्चा की जा चुकी है।
प्रमोद जैन भाया ने बताया कि चर्चा के दौरान वैज्ञानिकों ने इस क्षेत्र की भूजलीय स्थिति, चट्टानों की भूवैज्ञानिकीय स्थिति, भूमि का धंसना आदि इस समस्या के संभावित कारण बताए थे। वैज्ञानिकों ने वास्तविक कारणों की खोज के लिए एक विस्तृत वैज्ञानिक अध्ययन की आवश्यकता बताई थी। उनके सुझावों के आधार पर यह विस्तृत अध्ययन कराए जाने का निर्णय लिया गया है, ताकि पुर गांव के लोगों को इस समस्या से निजात मिल सके।
उल्लेखनीय है कि पुर गांव में करीब दो दशक से भवनों की दीवारों एवं छतों पर दरारें तथा सड़कों के धंसने की समस्या के प्रकरण सामने आ रहे हैं। जिला प्रशासन ने दरारों से हुए नुकसान का सार्वजनिक निर्माण विभाग और जिला परिषद के माध्यम से प्रारम्भिक आकलन कराया था।
राज्य सरकार इन संस्थानों के विस्तृत अध्ययन के बाद प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर पुर गांव की इस स्थानीय समस्या के समाधान के लिए उचित कदम उठाएगी।
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