जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश में सेवारत चिकित्सकों की लम्बित मांगों व समस्याओं के समाधान के लिए सकारात्मक रवैया अपनाते हुए नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। डी. ए. सी. पी. के एरियर की वसूली पर 11 सितंबर को ही राज्य सरकार द्वारा आदेश जारी कर रोक लगाई जा चुकी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने बताया कि समय-समय पर सेवारत चिकित्सा संघ से वार्ता कर उनकी विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए निरन्तर कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा आउटडोर एक समय करने की मांग पर राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त मिशन निदेशक बी. एल. कोठारी की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया जा चुका है एवं कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।
सराफ ने बताया कि सेवारत चिकित्सकों की डी. ए. सी. पी. की विसंगतियों को दूर करने एवं वर्ष 2009-2010 तथा वर्ष 2010-2011 के वंचित चिकित्सकों को डी. ए. सी. पी. देने के लिए नियमों में संशोधन की प्रक्रिया लगभग पूर्ण कर अनुमोदन के लिए राज्यपाल को प्रस्तुत की गई है। इस अनुमोदन के बाद अधिसूचना जारी कर वंचित चिकित्सकों को डी. ए. सी. पी. स्वीकृत की जायेगी। साथ ही लम्बित डी. ए. सी. पी. प्रकरणों के लिए डी.ए.सी.पी. करवाने हेतु राजस्थान लोक सेवा आयोग को प्रकरण भिजवाये जा चुके है। यह डी.ए.सी.पी. अक्टूबर माह में सम्पन्न होना संभावित है।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि सेवारत चिकित्सकों को 10 दिन तक विदेश यात्रा करने की अनुमति देने का अधिकार निदेशक, जन स्वास्थ्य को दिया गया है। उन्होंने बताया कि चिकित्सकों के एसीआर प्रकरणों को व्यवस्थित करने की व्यवस्था को सुधारने के लिए राजस्थान सर्विसेज मेडिकल कारपोरेशन के प्रबन्ध निदेशक महावीर प्रसाद शर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है। उन्होंने बताया कि संयुक्त निदेशक स्तर पर विधि सहायकों के पद सृजित करने के लिए प्रस्ताव वित्त विभाग को भिजवाये गये है।
सराफ ने बताया कि 6600 ग्रेड पे में भी कार्यरत चिकित्सकों को पी. जी. करने के बाद अग्रिम वेतन वृद्धि देने, 8700 ग्रेड पे पर 18 प्रतिशत की कैपिग हटाने, दंत चिकित्सकों को प्रोबेशन अवधि में अन्य चिकित्सकों के समान भत्ते देने, प्री-पीजी के लिए अधिकतम आयु सीमा में वृद्धि करने एवं यात्रा व चिकित्सा भत्तों के लम्बित भुगतान के लिए अतिरिक्त बजट हेतु वित्त विभाग को प्रस्ताव भिजवाये जा चुके है।
सेवारत चिकित्सकों से संवेदनशीलता बरतने की अपील
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार चिकित्सकों की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए पूरी तरह से सजग तथा संवेदनशील है। इसके बावजूद मौसमी बीमारियों तथा स्वाईन फ्लू की परिस्थितियों के बावजूद सेवारत चिकित्सकों द्वारा सामूहिक अवकाश पर जाना अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण तथा असंवेदशीलता का द्योतक है। उन्होंने सेवारत चिकित्सकों से अपनी मांगों के प्रति हठधर्मिता छोड़कर चिकित्सा सेवाओं के प्रति संवेदनशीलता बरतने की अपील की है।
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