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नई दिल्ली/जयपुर । भारत सरकार के केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग द्वारा वर्ष 2020-21 के लिये नई अफीम नीति की जारी कर दी गई है । इस नीति में मार्फिन सहित कई नियमों में राहत दी गई हैं । इस वर्ष की पॉलिसी में दी गई राहत से हजारों किसान लाभान्वित होंगे।
चित्तौडग़ढ़ ( राजस्थान ) के सांसद सी.पी.जोशी ने इस वर्ष के लिये जारी की गयी अफीम पालिसी पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि नई अफीम नीति किसान हितैषी है और इस नीति में किसानों को कई प्रकार की सौगातें दी गई है। सांसद जोशी ने मोदी सरकार द्वारा हर वर्ष की भांति किसानों के हित में नई अफीम नीति बनाने के लिये केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण एवं केन्द्रीय वित्तराज्य मंत्री अनुराग ठाकुर का आभार व्यक्त किया हैं ।
सांसद जोशी ने बताया कि राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के सीमावर्ती ज़िलों के सांसदों के प्रयासों से भारत सरकार ने इस बार भी मार्फिन के अंदर कमी की है। पिछले वर्षो में जारी अफीम नीति में मार्फीन 4.9 और फिर 4.5 कर दी गई थी, लेकिन इस वर्ष की अफीम नीति में अफीम खेती के लिये आवश्यक न्यूनतम मार्फीन का मानक 4.2 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर रखा है, इस कारण कई किसानों को फायदा मिलेगा।
इसके साथ ही वर्ष 2020-21 की अफीम नीति के अनुसार लाईसेंस हेतु पात्रता की शर्तो में ऐसे किसान जिन्होनें फसल वर्ष 2019-20 के दौरान अफीम की काश्त की तथा उनके द्वारा सरकार को दी गयी उपज में मार्फीन की औसत मात्रा न्यूनतम 4.2 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर रही ,वे किसान इस वर्ष अफीम फसल हेतु पात्र होंगे। इसके साथ ही ऐसे किसान जिन्होनें विभागिय देखरेख में नियमानुसार फसल वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 के दौरान अपनी सम्पूर्ण अफीम फसल की जुताई की हो परन्तु इससे पूर्व 2016-17 में सम्पुर्ण फसल की जुताई नही की थी, वे भी इस वर्ष के लिये पात्र होगें।
जोशी ने बताया कि ऐसे किसान जिनके लाइसेंस मंजूर न करने की अपील को फसल वर्ष 2019-20 में पट्टा वितरण की अन्तिम तारीख के पष्चात मंजुरी मिली हो वे किसान भी इस वर्ष के लिये पात्र होगें।
ऐसे किसान जिन्होने वर्ष 1999-2000 से किसी वर्ष में अफीम की खेती की हो तथा आगे के वर्षो में लाईसेंस के पात्र थे, अथवा फसल के पश्चात घोषित की गयी रियायतों के पात्र थे, लेकिन किसी कारणवष या स्वेच्छा से लाईसेंस नही लिया,अथवा लाईसेंस लेकर खेती नही की हो, वे भी पात्र होगें।
जोशी ने बताया कि ऐसे किसान जिनका एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत किसी सक्षम अदालत में किसी अपराध के लिये आरोप के आधार पर लाईसेसं समाप्त कर दिया गया हो, और सक्षम अदालत ने उनको बरी कर दिया हो, तथा 31 जुलाई 2020 तक ये अतिंम आदेष हो तो ऐसे किसानों को भी इस वर्ष के लिये पात्र माना गया है। इसके साथ ही सरकार के द्वारा अधिक मार्फीन देने वाले किसानों को प्रोत्साहन हेतु मार्फीन के आधार पर खेती का रकबा तय किया हैं जिसके अनुसार वर्ष 2019-20 की फसल में प्रति किलोग्राम 4.2 या उससे अधिक लेकिन 5.4 किलोग्राम प्रति है. से कम होने पर 6 आरी का पट्टा। 5.4 किलोग्राम प्रति है. से अधिक व 5.9 किलोग्राम प्रति है. से कम होने पर 10 आरी का पट्टा तथा 5.9 किलोग्राम प्रति है. से अधिक की मार्फीन पर 12 आरी का पट्टा दिया जायेगा। मार्फीन के औसत के अलावा अन्य कारणों या नीतिगत कारणों से मिल रहे लाईसेंस के लिये 5 आरी के पट्टे दिये जायेंगे।
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