जयपुर । अतिरिक्त मुख्य सचिव जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि
जलदाय विभाग की बड़ी पेयजल परियोजनाओं के लिए जिन जिलों में भूमि आवंटन कार्य होने हैं
वहां कलेक्टर्स मिशन मोड पर कार्य करते इसे प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि प्रदेश
में कई बड़ी परियोजनाओं के तहत हैड वर्क्स, उच्च जलाशयों, मुख्य पंप हाउस के निर्माण
तथा ट्रांसमिशन पाईप लाइन के डालने के लिए भूमि आवंटन समय पर होगा तो परियोजनाएं गति
पकड़ सकेंगी। डॉ. अग्रवाल सोमवार को पेयजल प्रबंधन को लेकर जिला कलेक्टर्स के साथ वीडियो
कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा कर रहे थे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में दौसा जिले के समस्त गांवों एवं सवाई माधोपुर जिले
के 177 गांवों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए ईसरदा-दौसा पेयजल परियोजना, भरतपुर, धौलपुर
एवं राजाखेड़ा के 1044 गांवों के लिए रेट्रोफिटिंग के तहत रिजर्वायर निर्माण, धौलपुर
लिफ्ट से धौलपुर एवं राजाखेड़ा ब्लॉक के 190 गांवों को पेयजल उपलब्ध कराने की परियोजना
तथा चूरू की तारानगर एकीकृत पेयजल परियोजना के तहत उच्च जलाशयों, हैड वर्क्स, मुख्य
पंप हाउस एवं बड़ी ट्रांसमिशन लाइन डालने के कार्य होने हैं।
समर कंटींजेंसी में अतिरिक्त कायोर्ं के प्रस्ताव भिजवाएं
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि समर कंटींजेंसी
के तहत जहां अतिरिक्त कायोर्ं की आवश्यकता है वहां के प्रस्ताव जिला कलेक्टर्स शीघ्र
भिजवाएं ताकि कंटींजेंसी कार्य समय पर पूरे किए जा सकें। उन्होंने जिला कलेक्टर की
अनुशंसा से किए जा रहे आकस्मिक कायोर्ं की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने जिलों में
पेयजल समीक्षा कमेटी की नियमित बैठक आयोजित कर पेयजल समस्याओं के निराकरण तथा संबंधित
जिलों के अतिरिक्त मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंताओं को जिला कलक्टर्स के साथ पूर्ण
समन्वय रखने के निर्देश दिए।
नलकूपों के बिजली कनेक्शन शीघ्र कराएं
डॉ. अग्रवाल ने सभी अधीक्षण अभियंताओं को समर
कंटींजेंसी में नए हैण्डपंपों की खुदाई का कार्य तेजी से करने तथा स्वीकृत ट्यूबवैल
की खुदाई एवं बिजली कनेक्शन से जोड़कर शुरू करने संबंधी लंबित प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण
के निर्देश दिए। जिन जिलों में नलकूप एवं हैण्डपंप को लेकर सर्वाधिक प्रकरण लंबित हैं
वहां के एसीई एवं एसई को उन्होंने सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। बकाया बिजली कनेक्शनों
को लेकर उन्होंने तीनों डिस्कॉम्स में एमडी से चर्चा करने के निर्देश दिए।
वीसी के दौरान जोधपुर, पाली, दौसा, जैसलमेर, बाड़मेर, नागौर, चूरू, उदयपुर,
बारां सहित अन्य जिलों के कलेक्टर्स से उनके जिलों में पेयजल प्रबंधन एवं समर कंटींजेंसी
के तहत अतिरिक्त कायोर्ं की आवश्यकता के बारे में चर्चा की गई। इन जिलों के अतिरिक्त
मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंताओं ने भी गर्मी के मौसम में पेयजल प्रबंधन के लिए
किए जा रहे प्रयासों तथा हैण्डपंप एवं नलकूप स्थापना की ताजा स्थिति के बारे में जानकारी
दी।
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