जयपुर । भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ड़ा.सतीश पूनिया ने टोंक के कसाई मोहल्ले में कर्फ़्यू के दौरान लोगों को घरों में रहने के लिए समझाने गए पुलिसकर्मियों पर हमले की कड़ी निंदा करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से माँग की है की हमला करने वालों पर एनएसए लगाया जाए । ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
डा.पूनिया ने प्रदेश के बिगड़े हालात में राज्यपाल कलराज मिश्र से बात कर उनसे हस्तक्षेप का अनुरोध किया है । राज्यपाल से उन्होंने कहा की स्थिति बिगड़ती जा रही है । सरकार की धर्म विशेष के प्रति विशेष सहानुभूति के कारण वो निष्पक्ष होकर ज़िम्मेदारी नहीं निभा पा रही है । यहाँ तक की अपनी पुलिस का भी मनोबल गिरा रही है । राज्यपाल ने उन्हें आश्वस्त किया की वो इसे गम्भीरता से लेंगे ।
पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आरोप लगाते हुए कहा की उनकी तुष्टिकरण की नीति के कारण इन समाजकंटकों की हिम्मत इतनी बढ़ गई है की वे उनको बचाने के लिए लगे पुलिसकर्मियों और स्वास्थ्यकर्मियों पर ही हमला कर रहे है । उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री को सोनिया गांधी , राहुल गांधी के दबाव में काम करने के बजाय राजधर्म का पालन करना चाहिए । इन समाजकंटको से कैसे निपटना है ये गहलोत को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सिखना चाहिए , जिन्होंने इनकी हरकतों का इनकी भाषा में ही जवाब दिया है । दूसरे राज्यों की सरकारें जब ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्यवाही कर रही है , तब भी राजस्थान की सरकार इनके ख़िलाफ़ कार्यवाही करना तो दुर इनके कुकृत्यों को छुपा रही है ।
पूनियाँ ने कहा की अपने वोट बैंक के चक्कर में गहलोत तुष्टिकरण की सारी हदें पार कर चुके है । ना तबलिगी जमात के ख़िलाफ़ कार्यवाही की हिम्मत दिखा पा रहे है और ना ही इनकी वजह से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को रोक पा रहे है । सरकार बताए की ऐसा क्या कारण है की प्रदेश में संक्रमण के 90 प्रतिशत से ज़्यादा मामले एक समुदाय विशेष के प्रभाव वाली जगहों पर ही आ रहे है ,और कर्फ़्यू के बावजूद संक्रमण फैलने से रुक नहीं रहा है । उल्टा जो इनको बचाने के काम में लगे है उन लोगों पर ही ये हमला कर रहे है , और असहाय हो चुकी सरकार चुपचाप तमाशा देख रही है ।
मुख्यमंत्री जो खुद गृहमंत्री भी हैं लेकिन कानून व्यवस्था को हर अवसर पर ठीक से बनाए रखने में विफल रहे हैं ,हर बार उनके गृहमंत्री रहते पुलिस पर हमला होता है , तो वे या तो मौन रहते हैं या लीपापोती करते हैं । इस समय पुलिस का मनोबल बनाए रखना भी जरूरी है वोट बैंक की चिंता बाद में कर लें तो प्रदेश के लिए बेहतर होगा ।
पूनियाँ ने कहा की हम फिर दोहरा रहे है , की या तो सरकार ,पुलिस को दबाव मुक्त करे और नहीं तो मुस्लिम बहुत इलाक़ों में बीएसएफ़ और सीआरपीएफ की तैनाती करे । हालत को नियंत्रित करने में पुरी तरह फ़ेल हो चुकी सरकार एक समुदाय विशेष के सामने घुटने टेक चुकी है । जयपुर के रामगंज , टोंक , कोटा और मुख्यमंत्री के खुद के शहर जोधपुर में ये लोग ना सरकार के निर्देशो का पालन कर रहे है ना ही सोशियल डिसटेंसिंग का । तो ऐसे समाजकंटकों को सरकार क्यों बर्दाश्त कर रही है । इनकी वजह से लाखों लोगों का जीवन संकट में पड़ सकता है ।
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