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जयपुर । गहलोत सरकार के लिए मनरेगा के तहत मानव दिवसों का सृजन ज्यादा करना गले की हड्डी बन गया है। मनरेगा के बकाया भुगतान के लेकर पिछले एक वर्ष से कभी मुख्य सचिव, कभी ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, कभी डिप्टी सीएम सचिन पायलट, तो फिर इनके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पत्र लिखकर मनरेगा की बकाया धनराशि की मांग करते रहते है।
अब एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय ग्रामीण विकास पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को 26 दिसंबर 2019 को खत लिखा है। इससे पहले डिप्टी सीएम सचिन पायलट 19 दिसंबर को पत्र केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को भेज चुके है।
मुख्यमंत्री ने पत्र के जरिये मनरेगा श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान करने के लिए 601.65 करोड़ रुपये की धनराशि जारी करने का अनुरोध किया है। साथ ही सामग्री मद के 1026 करोड़ रुपये बकाया भी जल्द जारी करने का अनुरोध किया गया है। मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि केंद्र सरकार से बजट प्राप्त नहीं होने के कारण श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान 2 अक्टूबर 2019 से नहीं हो रहा है। ऐसा होना अधिनियम के प्राधवानों की भावनाओं के विपरीत है और यह महात्मा गांधी नरेगा योजना के अधिकार आधारित कार्यान्वयन के सिद्धांत का उल्लंघन है।
गहलोत ने पत्र के जरिये यह भी बताया है कि राज्य में चालू वित्त वर्ष में मनरेगा के तहत 49.78 लाख परिवारों को रोजगार दिया जा चुका है। साथ ही राज्य के अनुमोदित श्रम बजट 2300 लाख मानव दिवसों के विरूद्ध 2451.78 लाख मानव दिवसों का सृजन किया है। इस योजनान्तर्गत 5359 करोड़ रुपये व्यय किये जा चुके है।
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