जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने ‘जन सेवा ही
कर्म-जन सेवा ही धर्म’ के सूत्र वाक्य के साथ संवेदनशील, पारदर्शी और
जवाबदेह सुशासन को धरातल पर साकार किया है। जनता से जो भी वादे किए उन्हें
पूरा करने का हरसंभव प्रयास किया है। हमारी सरकार की प्रतिबद्धता का ही
परिणाम है कि जन घोषणा पत्र में किए गए वायदों में से 77 प्रतिशत पूर्ण हो
चुके हैं और 19 प्रतिशत प्रगतिरत हैं। यानि 96 प्रतिशत वायदों को पूरा किया
गया है। इसी तरह 4 वर्षों में की गई 2722 बजट घोषणाओं में से करीब 2549 की
वित्तीय स्वीकृतियां जारी की चुकी हैं, जो 94 प्रतिशत हैं। अब तक 49
प्रतिशत बजट घोषणाएं पूर्ण हो चुकी हैं और 37 प्रतिशत प्रगतिरत हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पहले कभी नहीं हुईं इतनी बजट घोषणाएं
मुख्यमंत्री
सोमवार को जयपुर के हरिशचंद्र माथुर लोक प्रशिक्षण संस्थान में राज्य
सरकार के कामकाज को लेकर आयोजित चिंतन शिविर की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि चार साल में जितनी बजट घोषणाएं हुई उतनी पहले कभी नहीं
हुई। सीमित संसाधनों, कोविड महामारी सहित अन्य प्रतिकूलताओं के चलते इन
घोषणाओं को पूरा करना आसान नहीं था, लेकिन राज्य सरकार ने दिन-रात एक कर
जनता से किए वायदों को पूरा किया। इसी का परिणाम रहा है कि राजस्थान 11.04
प्रतिशत आर्थिक विकास दर हासिल कर पूरे देश में राज्य सकल घरेलू उत्पाद में
दूसरे स्थान पर रहा है। प्रति व्यक्ति आय में भी वृद्धि दर्ज की गई है।
एक करोड़ लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन
गहलोत ने कहा कि देश में सबसे पहले राजस्थान में ओपीएस फिर से लागू कर
सरकारी कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की गई। हाल ही में
न्यायपालिका ने हमारी पहल पर मुहर लगाई है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी
शहरी रोजगार गारंटी योजना, उडान योजना और महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम
विद्यालय सबसे बड़ी उपलब्धि रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 1 करोड़
लोगों को सामाजिक सुरक्षा के तहत पेंशन दी जा रही है। उसी तरह केन्द्र
सरकार को भी पूरे देश में एक समान सामाजिक सुरक्षा कानून बनाकर पेंशन
उपलब्ध करानी चाहिए। गहलोत ने कहा कि राजस्थान पहला राज्य है जहां पर
पेपर लीक करने वालों पर कानून के दायरे में लेकर कड़ी कार्रवाई की जा रही
है। उन्होंने कहा कि पेपरलीक में शामिल अपराधियों/आरोपियों के विरूद्ध सख्त
से सख्त कार्रवाई की जाए।
मॉडल स्टेट बना राजस्थान
गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेशवासियों के सहयोग से राजस्थान को
बीमारू श्रेणी से बाहर निकालकर मॉडल स्टेट की श्रेणी में शामिल कर दिया है।
हमारा लक्ष्य है कि राजस्थान विकास के हर पैमाने पर अव्वल हो। उन्होंने
आह्वान किया कि मंत्रिपरिषद के सदस्य इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में
समर्पण भाव के साथ काम करें।
स्वास्थ्य सुविधाओं का ढांचा हुआ मजबूत
चिंतन
शिविर में पहले दिन 14 विभागों की विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों, बजट
घोषणाओं, जन घोषणाओं एवं महत्वपूर्ण फैसलों की क्रियान्विति तथा भावी
योजनाओं को लेकर गहन चिंतन किया गया। सर्वप्रथम चिकित्सा विभाग की योजनाओं
पर विचार-विमर्श किया गया। प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य विभाग की 27 जन घोषणाओं में से 24 पूरी हो चुकी हैं और 3 पर
कार्य प्रगतिरत है। साथ ही, 140 बजट घोषणाओं में से 105 पूरी हो चुकी हैं
और 35 प्रगतिरत हैं। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना,
मुख्यमंत्री निःशुल्क निरोगी राजस्थान योजना सहित अन्य योजनाओं से बेहतरीन
स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ हुई हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं का ढांचा मजबूत होने
से विगत वर्षों में प्रदेश में मातृ मृत्यु दर में 28 अंक की गिरावट दर्ज
हुई है, जो देश में सर्वाधिक है।
चिरंजीवी से 90 प्रतिशत आबादी को मिला स्वास्थ्य बीमा का लाभ
शिविर
में बताया गया कि राजस्थान में संस्थागत प्रसव राष्ट्रीय औसत से ज्यादा
है। साथ ही, टीकाकरण कवरेज की दृष्टि से भी राजस्थान भारत के औसत से 4
प्रतिशत आगे है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में करीब 1.38
करोड़ परिवारों का पंजीकरण हो चुका है। इस योजना का ही परिणाम है कि प्रदेश
की करीब 90 प्रतिशत आबादी अब स्वास्थ्य बीमाधारक है जबकि राष्टीय औसत मात्र
41 प्रतिशत ही है। चिरंजीवी योजना में अब तक 31.58 लाख मरीजों को लगभग
3625 करोड़ रूपए का निःशुल्क उपचार उपलब्ध हुआ है। मुख्यमंत्री निःशुल्क
निरोगी राजस्थान योजना के तहत राजकीय चिकित्सा संस्थानों में जांच एवं
दवाओं के साथ संपूर्ण उपचार निःशुल्क मिल रहा है। योजना पर अनुमानित व्यय
करीब 1500 करोड़ रूपए किया जा रहा है। चिकित्सा के क्षेत्र में विगत चार
वर्षों में 55337 पदों पर भर्तियां स्वीकृत की गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा
कि जनता क्लिनिक राज्य सरकार की अभिनव पहल है। इसके लिए सभी आवश्यकताओं को
जल्द पूरा किया जा रहा है।बैठक में बताया गया कि
आमजन को स्वास्थ्य का अधिकार देने के उद््देश्य से ‘राइट टू हैल्थ‘ विधेयक
लाया जा रहा है। साथ ही, ‘राजस्थान मॉडल ऑफ पब्लिक हैल्थ’ को वृहद् स्तर
पर लागू किया जाना प्रस्तावित है। बैठक में यह भी बताया गया कि प्रदेश के
हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है।
अब तक 19 जिलों में मेडिकल कॉलेज संचालित हैं तथा 12 जिलों में स्थापना
प्रक्रियाधीन है। हर जिले में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना की जा रही है।
इनमें से 23 स्थानों पर निर्माण कार्य प्रगतिरत है।
शिक्षा विभाग में 4 साल में सर्वाधिक 81,637 नियुक्तियां
स्कूल
एवं संस्कृत शिक्षा विभाग के प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि विभाग की 98
बजट घोषणाओं में से 62 पूरी हो चुकी हैं तथा 36 प्रगतिरत हैं। वहीं, 40 जन
घोषणाओं में से 31 पूरी हो चुकी हैं एवं 9 प्रगतिरत हैं। प्रदेश में सरकारी
स्कूलों के कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के
तहत सप्ताह में दो दिन दूध का वितरण किया जा रहा है तथा निःशुल्क पोशाक भी
उपलब्ध करवाई जा रही है। विभाग में गत चार वर्षों में 81 हजार 637 विभिन्न
पदों पर नियुक्तियां दी गई हैं और 90 हजार 895 पदों पर भर्तियां
प्रक्रियाधीन हैं। दिसम्बर, 2018 से अब तक 342 नवीन प्राथमिक विद्यालय खोले
जा चुके हैं, वहीं 7141 विद्यालयों का क्रमोन्नयन किया गया है।शिविर
में बताया गया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण
शिक्षा प्रदान करने की दृष्टि से अब तक 1702 महात्मा गांधी अंग्रेजी
माध्यम विद्यालयों की स्थापना की गई है और इन विद्यालयों में 1032 बाल
वाटिकाओं की भी स्थापना की गई है। नेशनल अचीवमेंट सर्वे-2021 में राजस्थान
ने प्रथम चार राज्यों में स्थान प्राप्त किया है। वर्ष 2020-21 में
परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स-जिला में राज्य ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
साथ ही, इंस्पायर अवार्ड योजना में भी राजस्थान लगातार तीसरे वर्ष पहले
स्थान पर रहा है। नो-बैग डे के तहत पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी
की जयंती पर इस साल 19 नवंबर को ‘चैस इन स्कूल एक्टिविटी’ में 38 लाख 21
हजार से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लेकर रिकॉर्ड बनाया।मुख्यमंत्री
ने कहा कि अंग्रेजी माध्यम विद्यालय की पहल देश में पहली बार की गई है।
इसमें फीडबैक के अनुसार सुधार किए जाए। बच्चों की ज्यादा संख्या होने पर दो
पारियों में भी संचालित किया जा सकता है।उच्च शिक्षा विभाग के
प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि विभाग की 88 बजट घोषणाओं में से 70 पूरी हो
गई हैं तथा 18 प्रगतिरत हैं। साथ ही 13 जन घोषणाओं में से 10 पूरी हो चुकी
हैं एवं 3 प्रगतिरत हैं। प्रदेश में उच्च शिक्षा का बेहतर माहौल तैयार करने
के लिए पिछले चार वर्षों में 211 नए राजकीय महाविद्यालय खोले गए हैं।
इनमें से 94 कन्या महाविद्यालय हैं। प्रदेश में 900 करोड़ रूपए की राशि से
200 महाविद्यालयों के भवन बनाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा
छात्रवृत्ति योजना के तहत प्रतिवर्ष 1 लाख विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी
जा रही है। पूर्ववर्ती सरकार में बंद किए गए हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं
जनसंचार विश्वविद्यालय तथा डॉ. भीमराव अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय की पुनः
स्थापना हमारी सरकार द्वारा की गई। कालीबाई भील एवं देवनारायण योजना के तहत
स्कूटियों की संख्या बढ़ाकर 20 हजार की गई है। राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर
एकेडमिक एक्सीलेंस योजना-2021 के अंतर्गत अब तक कुल 245 अभ्यथिर्यों का चयन
(जिनमें 118 महिला अभ्यर्थी हैं) विदेश के शीर्ष शिक्षण संस्थानों में
अध्ययन के लिए किया गया है। इनकी पढ़ाई का खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया
जाएगा। तकनीकी शिक्षा के प्रस्तुतीकरण में
बताया कि बाड़मेर अभियांत्रिकी महाविद्यालय में पैट्रोकेमिकल से संबंधित
पाठ्यक्रम लागू किए गए हैं। शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान
तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा में रिसर्च हब की स्थापना की गई है। साथ ही, 19
पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों में रोबोटिक्स, मेकाट्रोनिक्स एवं मशीन लर्निंग
आदि विषय शुरू किए गए हैं। प्रदेश में निजी
शिक्षण संस्थाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए राजस्थान निजी शिक्षण
संस्थान विनियामक प्राधिकरण तथा कोचिंग केन्द्रों की गुणवत्ता के लिए
‘राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट्स नियंत्रण एवं विनियामक का परीक्षण किया जा
रहा है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दोनों
बिलों को सदन में लाने से पूर्व संबंधित पक्षकारों के साथ बैठक करें।
उन्होंने कहा कि पिछले 4 सालों में तकनीकी शिक्षा के उत्कृष्ट संस्थान
राज्य में खुले हैं। उन्होंनें कहा कि पेपरलीक प्रकरण में किसी भी स्तर के
अधिकारी के दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाए। कृषि और पशुपालन में लगातार आगे बढ़ रहा राजस्थान
कृषि
एवं उद्यानिकी विभाग के प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि 68 बजट घोषणाओं में
से 40 पूरी हो चुकी हैं एवं 28 प्रगतिरत हैं। साथ ही, 14 जन घोषणाओं में
से 13 पूरी हो चुकी हैं तथा 1 प्रगतिरत है। राज्य में पहली बार वित्तीय
वर्ष 2022-23 में अलग से कृषि बजट पेश कर 11 मिशन लागू किए गए हैं। ईज ऑफ
डूइंग फार्मिंग के तहत राज किसान साथी पोर्टल विकसित कर 23 योजनाओं में
आवेदन से लेकर भुगतान तक की संपूर्ण प्रक्रिया ऑनलाइन की गई है। विगत चार
वर्षाें में किसानों के लिए 56 लाख बीज मिनीकिट्स वितरित किए गए हैं तथा
फसल बीमा योजना के तहत 18 हजार करोड़ रूपए के क्लेम वितरित किए गए हैं।
राज्य में 3 लाख 53 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र
स्थापित किए गए हैं। इस पर राज्य सरकार 20 से 30 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान
दे रही है। चिंतन शिविर में बताया गया कि
पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की 45 में से 31 बजट घोषणाएं तथा 12 में से 8 जन
घोषणाएं पूरी हो चुकी हैं और शेष प्रगतिरत हैं। राज्य में 1175 नए पशु
चिकित्सा केन्द्र स्वीकृत किए गए हैं तथा 427 पशु चिकित्सा संस्थाएं पशु
चिकित्सालयों में क्रमोन्नत की गई हैं। वेटेरीनरी के इंटर्नशिप छात्रों का
स्टाइपेंड 3500 से बढ़ाकर 14000 किया गया है। ऊंट संरक्षण एवं विकास नीति
शीघ्र ही जारी की जाए। शिविर में बताया गया कि
सहकारिता विभाग की 24 बजट घोषणाओं में से 15 पूरी की जा चुकी हैं तथा 9
प्रगतिरत हैं, जोकि आगामी सितंबर तक पूर्ण कर ली जाएंगी। साथ ही, 8
जनघोषणाओं में से 7 पूर्ण की जा चुकी हैं तथा 1 पर कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने गृह निर्माण सहकारी समितियों और मल्टी स्टेट क्रेडिट
कॉपरेटिव सोसायटियों पर शिकंजा कसने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि
प्रदेश की जनता की गाढ़ी कमाई लूटने वाली ऎसी सोसायटियों के खिलाफ सख्त कदम
उठाए जाएं। कृषि विपणन विभाग की 41 बजट घोषणाओं
में से 20 पूरी की जा चुकी हैं तथा 21 प्रगतिरत हैं। साथ ही, 7 जन घोषणाओं
में से 5 पूर्ण की जा चुकी हैं तथा 2 पर कार्य किया जा रहा है। कृषि
प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति 2019 के तहत
323 करोड़ रूपए का अनुदान स्वीकृत किया गया तथा 1 हजार करोड़ के कृषक कल्याण
कोष का गठन किया गया है। गोपालन विभाग के प्रस्तुतीकरण में बताया कि 6 बजट
घोषणाओं में से 4 पूरी की जा चुकी हैं तथा 2 प्रगतिरत हैं। साथ ही जन
घोषणाएं पूरी की जा चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने चर्चा में कहा कि योजनाओं की
जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाकर उन्हें लाभान्वित किया जाए। प्रस्तुतीकरण
में बताया गया कि मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना के अंतर्गत
अनुदान राशि को 2 रूपए प्रति लीटर से बढ़ाकर 5 रूपए प्रति लीटर कर दिया गया
है। 63 नए दुग्ध संकलन प्रारम्भ किए गए हैं तथा 2300 दुग्ध उत्पादक
समितियों का गठन किया गया है। वृहद स्तर पर नए डेयरी बूथों का आवंटन किया
जा रहा है। बड़ी संख्या में डेयरी से वंचित गांवों को नए दुग्ध मार्ग बनाकर
डेयरी से जोड़ा जा रहा है। जैसलमेर, राजसमंद और बारां जिलों में मिल्क
प्रोसेसिंग प्लांट्स की स्थापना एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य किया जा रहा है। गौपालन
विभाग के प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि गोवंश अनुदान की अवधि 6 से बढ़ाकर 9
महीने कर दी गई है। दिसम्बर, 2018 से अब तक 2313 करोड़ रूपए का अनुदान दिया
जा चुका है। ग्राम पंचायत स्तर पर गौशाला की स्थापना करने के लिए एक करोड़
रूपए का प्रावधान किया गया है। साथ ही, प्रत्येक ब्लॉक में नंदीशालाओं के
निर्माण का कार्य किया जा रहा है।चिंतन शिविर की
शुरूआत में मुख्य सचिव उषा शर्मा ने शिविर की रूपरेखा के बारे में
विस्तृत जानकारी दी। शिविर में मंत्रिपरिषद सदस्य, मुख्य सचिव उषा
शर्मा, संबंधित विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव सहित
अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
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