जयपुर । किसानों को आर्थिक रूप से राहत देने के मामले में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को एक प्रेस वार्ता में आरोप लगाया कि सिर्फ चुनाव जीतने के मकसद से किसानों के लिए पीेएम नरेंद्र मोदी ने स्कीम शुरू की है। इस मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग को मोदी सरकार से जवाब मांगना चाहिए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि टोंक में पीएम नरेंद्र मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए सिर्फ आलोचना की, अच्छा होता कि वह अपने पांच साल की उपलब्धियां गिनाते। गहलोत ने कहा कि यहां उन्होंने कहा कि मोदी है तो मुमकिन है, लेकिन मेरा मानना है कि मोदी है तो नामुमकिन है। कौन सा उन्होंने वर्ष 2014 के दौरान किया गया चुनावी वादा पूरा कर दिया । ना तो कालाधन आया, ना 15 लाख रुपये खाते में गए और ना ही 2 करोड़ युवाओं को प्रतिवर्ष रोजगार मिला। उन्होंने कहा कि देश में इस वक्त वोटों को लेकर ध्रुवीकरण की राजनीति चल रही है, किस तरह वोटों का ध्रुवीकरण हो, और भाजपा फिर चुनाव जीत सके।
उन्होंने कहा कि यह चुनाव जीतने का असफल प्रयास है। उन्होंने कहा कि अच्छा होता पीएम नरेंद्र मोदी पूरे देश के किसानों की कर्जमाफी करते। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से ज्यादा तो राजस्थान के किसानों को पेंशन के रूप में धनराशि सालाना मिलेगी। 58 वर्ष से अधिक उम्र के किसानों को 9 हजार रुपये सालाना जबकि 75 वर्ष से अधिक उम्र के किसानों को 12 हजार रुपये सालाना पेंशन राज्य सरकार देगी। उन्होंने कहा कि इस देश का किसान समझदार है और सोझसमझकर ही वोट देगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम मोदी का आरोप है कि पीएम किसान सम्मान निधि को लेकर राज्य सरकारें सहयोग नहीं कर रही है, यह आरोप सरासर बेबुनियाद है। उन्होंने कहा कि खुद की केंद्र सरकार बढ़ा-चढ़ाकर गलत आंकड़े पेश कर रही है और इस योजना में रिजेक्शन ज्यादा हो रहे है।
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