जयपुर। बीसलपुर बांध के भरने के बाद जयपुर, अजमेर और टोंक जिलों में जनता को रोजाना ज्यादा मात्रा में पेयजल की सप्लाई की जाएगी। इन जिलों में लोगों को अधिक मात्रा और ज्यादा अवधि तक पानी की सप्लाई के लिए जलदाय विभाग में उच्च स्तर पर लगातार कवायद कर जनहित में निर्णय लिए जा रहे हैं। पानी की मात्रा को धीरे-धीरे बढ़ाना आरम्भ कर दिया गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रमुख शासन सचिव संदीप वर्मा ने बुधवार को विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ शासन सचिवालय में हुई समीक्षा बैठक में जयपुर शहर, अजमेर और टोंक में वाटर सप्लाई को इस प्रकार बढ़ाने के निर्देश दिए जिससे कि बिना किसी दिक्कत के सिस्टम ‘स्टेबलाईज‘ हो जाए और आगामी एक सितम्बर से तय किए गए कार्यक्रम के अनुसार तीनों जिलों के लोागों को बढ़ी हुई मात्रा में अधिक अवधि तक पानी की सप्लाई सुनिश्चित हो सके।
बैठक में निर्णय लिया गया कि बीसलपुर से जयपुर शहर में वर्तमान में प्रतिदिन सप्लाई होने वाले 330 एमएलडी पानी को बढ़ाकर 360 एमएलडी किया जाएगा। इससे गुलाबी शहर के चारदीवारी क्षेत्र में वाटर सप्लाई की अवधि 45 मिनट से बढ़कर 60 मिनट हो जाएगी। इसी प्रकार अजमेर के लिए अब रोजाना 250 एमएलडी के स्थान पर 315 एमएलडी पानी की सप्लाई की जाएगी। इससे अजमेर में वर्तमान में 72 घंटे में पेयजल सप्लाई की अवधि घटकर 48 घंटे रह जाएगी। टोंक जिले को अब दैनिक आधार पर 45 एमएलडी के स्थान पर 53 एमएलडी पानी मिलेगा जबकि जयपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र को हर रोज 42 एमएलडी की जगह 54 एमएलडी पानी बीसलपुर से मिलेगा।
जलदाय मंत्री डा. बी. डी. कल्ला के निर्देश पर मंगलवार को हुई बैठक में जयपुर में आमेर के ऎतिहासिक मावठे को बीसलपुर से भरने की कार्ययोजना पर चर्चा की गई थी। बुधवार को प्रमुख शासन सचिव ने अतिरिक्त मुख्य अभियंता को निर्देश दिए कि इस मसले पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से भी चर्चा करे और उनकी राय के आधार पर आगे की कार्ययोजना तैयार करे। उन्होंने अधिकारियों को इस बात के भी निर्देश दिए कि विभाग के स्तर से मावठे में पानी की आवक की राह में जो रूकावटें है, उनका भी पता लगाएं।
उन्होंने इस बारे में पर्यटन विभाग के अधिकारियों से भी चर्चा करने के निर्देश दिए गए। प्रमुख शासन सचिव ने बैठक के दौरान बीकानेर, अजमेर और नावा में जलदाय विभाग के कार्यालयों के पुनर्गठन के प्रस्तावों पर भी चर्चा की। जो काफी समय से लम्बित पड़े है। उन्होंने मुख्य अभियंता (प्रशासन) को निर्देश दिए कि इस सम्बंध में एक सप्ताह की अवधि में प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करे।
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