जयपुर । रिफाइनरी समझौते को लेकर राजस्थान के लिए भले ही मंगलवार का दिन ऐतिहासिक रहा हो, लेकिन केंद्रीय पेट्रोलियम राज्यमंत्री धर्मेंद्र प्रधान और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पूर्ववर्ती गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा। कार्यक्रम में पेट्रोलियम राज्यमंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आरोप लगाया कि छोटी सी राजनीति के चलते इस महत्वपूर्ण रिफाइनरी को पूर्व गहलोत सरकार ने विचित्र रूप दे दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री ने रिफाइनरी को लेकर प्रदेश की जनता के साथ षडयंत्र किया था। उन्होंने कहा कि अब जो समझौता हुआ है, उससे 40 हजार करोड़ राजस्थान सरकार को बचे है। वहीं जबकि पहले 40 हजार करोड़ ज्यादा देने पड़ रहे थे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पहले जो लागत आई, उसकी गलती का जबाव खुद पूर्व सीएम गहलोत देंगे। उन्होंने कहा कि बिना कुछ किये बयानबाजी करने में कांग्रेस नेताओं ने पीएचडी कर रखी है। वहीं इसके बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी रिफाइनरी को लेकर पूर्व गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सत्ता संभालने के बाद बीजेपी को लग रहा था कि रिफाइनरी का सपना पूरा नहीं होगा, लेकिन रिफाइनरी के पूर्व के समझौते की समीक्षा की गई, तो लगा कि पहले लागत कम हो, उसके बाद ही रिफाइनरी लगे। विपक्षी सदस्यों ने सोचा था कि विधानसभा का सत्र खत्म होते ही पश्चिमी राजस्थान में यह मुद्दा उठाया जाएगा. लेकिन अब इस समझौते के बाद विपक्ष के मसूंबों पर पानी फिर गया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सिर्फ काम करती है, जबकि कांग्रेस पार्टी सिर्फ बयानबाजी करती है, जिसमें कांग्रेस पार्टी ने पीएचडी कर रखी है। जैसा पहले कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी से इस रिफाइनरी को लेकर शिलान्यास करवा दिया। वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से भी एक पत्थर लगवा दिया। सीएम राजे ने आरोप लगाया कि बेवजह पत्थर लगाने में कांग्रेस पार्टी माहिर है। पत्थर लगवाते वक्त कांग्रेस नेता यह नहीं सोचते कि काम होगा या नहीं।
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