जयपुर । अतिरिक्त मुख्य सचिव पीएचईडी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा है कि जल जीवन मिशन के तहत जिलों में कार्यरत क्रियान्वयन सहयोग संस्थाओं (आईएसए) की सक्रिय भूमिका तय करने के साथ ही उनके कार्यों की नियमित मोनेटरिंग की जाएगी। उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत राज्य में 43249 ग्राम जल स्वच्छता समितियों का गठन करने के साथ ही 42574 गांवों का बेसलाईन डाटा तैयार किया जा चुका है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एसीएस पीएचईडी डॉ. सुबोध अग्रवाल बुधवार को सचिवालय में जल एवं स्वच्छता सहयोग संगठन के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ग्रामीण जल स्वच्छता समितियों के गठन के दायरे में 99.74 प्रतिषत गांवों को लाया जा चुका है जिसे इस मायने में लगभग शतप्रतिशत माना जा सकता है क्योंकि शेष रहे गांव लगभग शहरी क्षेत्र से जुड़ गए हैं। उन्होेने बताया कि जन सहभागिता के लिए प्रदेश में 36751 खातें खोले जा चुके हैं।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि जल जीवन मिषन के तहत सभी 33 जिलों में क्रियान्वयन सहयोग संस्थाओं द्वारा बेसलाईन सर्वे, घरेलू स्तर के डेटा संग्रहण से लेकर जन सहभागिता, सहभागी ग्रामीण मूल्यांकन गतिविधियां, ग्राम कार्य योजना का निर्माण और ग्राम सभा से अनुमोदन के साथ ही जल का विवेकपूर्ण उपयोग, रखरखाव, प्रबंधन, आदि कार्यों के साथ साथ अवेयरनेस कार्यक्रम चलाने की जिम्मेदारी भी है ताकि पानी का सदुपयोग, जल बचत, स्वच्छता गतिविधियों आदि के लिए ग्रामीणों मेें अवेयरनेस पैदा की जा सके।
डॉ. अग्रवाल ने जल एवं स्वच्छता सहयोग संगठन के कार्यों पर संतोष व्यक्त करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आईएसए के कार्यों की साप्ताहिक मोनेटरिंग सुनिश्चित की जाए और प्रतिमाह प्रगति रिपोर्ट से राज्य सरकार को अवगत कराया जाएं। उन्होंने निर्धारित मापदण्डोें के अनुसार कार्य नहीं कर रही क्रियान्वयन सहयोग संस्थाएं अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाने के निर्देश देते हुए स्पष्ट कहा कि अपटू द मार्क कार्य नहीं करने वाली आईएसए के कार्यों मेें अपेक्षित सुधार नहीं होने की स्थिति में उनके साथ अनुबंध समाप्त करने जैसे सख्त कदम उठाने को भी विवश होना पड़ेगा।
जल एवं स्वच्छता सहयोग संगठन के निदेशक हुकुम चंद वर्मा ने विस्तार से क्रियान्वयन सहयोग संस्थाओ की कार्यप्रणाली और गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब साप्ताहिक मोनेटरिंग व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी ताकि इन सस्थाओं के कार्यों को और अधिक गति दिलाई जा सके। बैठक में मुख्य केमिस्ट राकेश माथुर ओएसडी सुधांशु दीक्षित सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
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