नई दिल्ली/जयपुर। भाजपा की राजस्थान इकाई उन सीटों पर अपने संगठन को मजबूत कर रही है, जिन पर भगवा पार्टी अब तक कभी नहीं जीत पाई है। ऐसी करीब 19 सीटें हैं और हाल ही में राज्य इकाई के अपने दो दिवसीय 'चिंतन बैठक' में भाजपा ने इन सीटों पर विशेष ध्यान देने का फैसला किया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि राज्य में कई बार सत्ता में रही भाजपा ने कभी इन सीटों पर जीत हासिल नहीं की और इसलिए यह फैसला किया है कि राज्य में 2023 के उत्तरार्ध में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी के दौरान इन विधानसभा क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
साल 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों में, भाजपा कांग्रेस से हार गई थी। 200 सदस्यीय राज्य विधानसभा में इस समय कांग्रेस के 106 सदस्य हैं, जबकि भाजपा के 71 हैं और दो सीटें खाली हैं।
पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि इन 19 विधानसभा क्षेत्रों में संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
उन्होंने कहा, "हम अगले राज्य चुनावों में इन सीटों को जीतने के लिए काम कर रहे हैं। इन सीटों में विधानसभा की कुल ताकत का लगभग 10 प्रतिशत शामिल है। इन निर्वाचन क्षेत्रों को जीतकर, हम अपनी पार्टी को एक नए क्षेत्र में विस्तारित करने में सक्षम होंगे।"
पार्टी के एक अंदरूनी सूत्र ने दावा किया कि इन सीटों को जीतने से न केवल विधानसभा में पार्टी की संख्या बढ़ेगी, बल्कि मौजूदा सीटों के किसी भी संभावित नुकसान को संतुलित करने और साथ ही साथ विपक्षी दलों को कमजोर करने में मदद मिलेगी।
पता चला है कि भाजपा की राज्य इकाई जल्द ही इन 19 विधानसभा क्षेत्रों के लिए विशिष्ट योजना को अंतिम रूप देगी, जिसमें वहां के स्थानीय नेतृत्व को तैयार करना भी शामिल है।
पार्टी के एक नेता ने कहा, "किसी भी चुनाव को जीतने के लिए पहला मानदंड जमीन पर मजबूत संगठनात्मक ढांचे की मौजूदगी और दूसरा मजबूत स्थानीय नेतृत्व की मौजूदगी है। हम इन विधानसभा क्षेत्रों में दोनों मुद्दों को हल करने की योजना को अंतिम रूप दे रहे हैं।"
भाजपा नेतृत्व का मानना है कि राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ मजबूत सत्ता विरोधी लहर है और इन सीटों को जीतकर पार्टी अगला विधानसभा चुनाव ऐतिहासिक जनादेश से जीत सकती है। (आईएएनएस)
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