जयपुर। प्रदेश के मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता ने महात्मा गांधी नरेगा योजना के
लाईन विभागों के उच्चाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे विभिन्न योजनाओं
के तहत सम्पति सृजन व विकास के कार्यों का दायरा बढ़ाने पर फोकस करें ताकि
वर्तमान परिस्थितियों में अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके । ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गुप्ता बुधवार को सचिवालय में महात्मा गांधी नरेगा योजना के विभिन्न लाइन
विभागों की योजनाओं से कनवर्जेन्स कार्यों की प्रगति की समीक्षा हेतु राज्य
स्तरीय समन्वय समिति की बैठक में उच्चाधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि नरेगा योजना महत्वपूर्ण योजना है जिसके अन्तर्गत ग्रामीण
क्षेत्रों के श्रमिकों एवं प्रवासियों को ग्राम स्तर पर ही अधिक से अधिक
कार्य करवाने एवं रोजगार सुलभ कराने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है।
उन्होंने कहा कि विभाग अपने बजट के साथ-साथ नरेगा बजट का उपयोग कर श्रमिकों
से छोटे-छोटे कार्य जैसे तालाब, नाडी, जोहड़ खुदवाकर तथा वृक्षारोपण से
लोगों को रोजगार मुहिया करवा सकते हैं।
गुप्ता ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे इस वित्तीय वर्ष में विभागवार
क्या- कार्य शुरू कर सकते हैं, की सूची बनाकर ग्रामीण विकास एवं पंचायती
राज विभाग को भिजवाना सुनिश्चत करें ताकि उन कार्यों को प्राथमिकता से
करवाये जा सकें। उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग
के अधिकारियों को राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय राज मार्गों के दोनों तरफ
अधिक से अधिक वृक्षा रोपण करने, दुर्धटनाएं रोकने हेतु ग्रामीण सड़कों की
चौड़ाई बढ़ाने, सड़कों के किनारे खड्डाें में मिट्टी डलवाने आदि के कार्यो से
नरेगा श्रमिकों को रोजगार दे सकते हैं साथ ही वृक्षारोपण का कार्य भी करवा
सकते है। उन्होंने कहा कि ऎसीे सड़कों के 4-5 मॉडल कार्य प्राथमिकता से
करवायें जायें।
उन्होंने कहा कि गरीब कल्याण
रोजगार योजना के तहत भी अनेक कार्यों का प्लान तैयार कर ग्रामीण क्षेत्रों
के रोजगार एवं चहुंमुखी विकास के कार्य हाथ में लिए जायें।
उन्होंने
वन क्षेत्रों की खाली भूमि के उपयोग के लिए कन्वर्जेन्स के कार्य करवाने,
अधिक से अधिक वृक्षरोपण करवाने, चारागाह विकसित करने, नहरों से मिट्टी
निकासी कार्य, व्यक्तिगत कार्य जैसे फार्म पॉड, जल होज, डिग्गी निर्माण,
आपदा प्रबन्धन एवं बाढ़ से बचाव हेतु में श्रामिकों को रोजगार देने पर
विस्तृत चर्चा की गई।
अतिरिक्त मुख्य सचिव
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज श्री राजेश्वर सिंह ने कहा कि मनरेगा में
कोरोना संक्रमण के दौरान ग्रामीण श्रमिकों के अलावा प्रवासी राजस्थानियों
को भी रोजगार मिल रहा है। उन्होंने बताया कि व्यक्तिगत लाभ के 50 प्रतिशत
राशि के कार्यों पर एवं जल संग्रहण, संरक्षण एवं मानसून पूर्व वृक्षारोपण
के कार्यों से संबंधित पूर्व तैयारी के लिए श्रमिक नियोजन की आवश्यकता है।
सिंह ने बताया कि मनरेगा के तहत प्रतिदिन 50 लाख 19 हजार से अधिक के श्रम
नियोजन के साथ राजस्थान देश में पहले पायदान पर है। उन्होंने बताया कि जून
माह के अन्त तक 1300 लाख मानव दिवस के विरूद्ध 1600 लाख मानव दिवस सृजित
करने का लक्ष्य पूर्ण हो सकेगा।
अतिरिक्त मुख्य
सचिव सिंह ने बताया कि योजनान्तर्गत 43 लाख कार्य पूर्ण हो चुके हैं
एवं 6.81 लाख कार्य प्रगतिरत हैं । साथ ही 99.96 प्रतिशत श्रमिकों को 15
दिन में मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है।
बैठक
में सचिव, वन एवं पर्यावरण डी.एन. पाण्डेय, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन
संरक्षक (विकास) शिखा मेहरा, शासन सचिव, जल संसाधन श्री नवीन
महाजन, शासन सचिव (खाद्य) सिद्वार्थ महाजन, विशिष्ठ शासन सचिव वित्त सुधीर शर्मा, आयुक्त मनरेगा पी.सी. किशन, आयुक्त कृषि डॉ. ओम
प्रकाश, विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।
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