जयपुर। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर केन्द्र ने राज्य के पांच और जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने के राज्य सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। राजस्थान देश का संभवतः पहला ऎसा राज्य होने जा रहा है जहां के करीब-करीब सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थापित होने जा रहे हैं। सवाई माधोपुर, झुंझुनू, हनुमानगढ़, टोंक तथा दौसा में मेडिकल कॉलेज खोले जाने केन्द्र से स्वीकृत हो गए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
33 में से 30 जिलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज
इसी के साथ अब प्रदेश के कुल 33 में 30 जिले ऎसे हो गए हैं जहां पहले से ही सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थापित हैं अथवा उन्हें स्थापित करने के संबंध में स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। मात्र राजसमंद, जालौर तथा प्रतापगढ़ ही ऎसे जिले रहे हैं जहां सरकारी मेडिकल कॉलेज नहीं हैं। राजसमंद में निजी क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज कार्यरत है। सभी नव स्वीकृत मेडिकल कॉलेजों में से प्रत्येक के लिए 325 करोड़ रूपए खर्च होंगे। इन पर खर्च होने वाले कुल 1625 करोड़ रूपए में से 60 प्रतिशत केन्द्र तथा 40 प्रतिशत राज्य सरकार देगी।
उल्लेखनीय है कि करीब दो माह पूर्व ही राज्य सरकार के प्रस्ताव पर अलवर, बारां, बांसवाड़ा, चित्तौडगढ़, जैसलमेर, करौली, नागौर, श्री गंगानगर, सिरोही तथा बूंदी में मेडिकल कॉलेज के प्रस्ताव को स्वीकृति मिली थी।
एमबीबीएस की 350 सीटों के लिए 420 करोड़
प्रदेश के सात मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 350 अतिरिक्त सीटें बढ़ाने के राज्य सरकार के प्रस्ताव को इसी साल मई में मंजूरी मिली थी। पाली, डूंगरपुर, भरतपुर, चूरू, झालावाड़, भीलवाड़ा तथा राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय जयपुर, प्रत्येक में एमबीबीएस की इन 50-50 अतिरिक्त सीटों के लिए आधारभूत ढांचे के रूप में 420 करोड़ रूपए खर्च होंगे।
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