जयपुर । प्रदेश के उद्योग विभाग द्वारा भारतीय शिल्प संस्थान के सहयोग से 24 जून से आयोजित शिल्प शाला के प्रति जयपुरवासियों के उत्साह को देखते हुए विभाग ने परंपरागत षिल्प कलाओं पर परिचर्चाएं आयोजित करने का भी निर्णय किया है। आयुक्त डाॅ. कृृष्णाकांत पाठक ने बताया कि परंपरागत लुत्प होते शिल्प मांड़णा, ठीकरी, आराइश, भवन स्थापित एवं वास्तु और सांझी कला आदि पर परिचर्चाएं आयोजित कर जयपुरवासियों को इन शिल्पों से रुबरु कराया जाएगा। शिल्प शाला के समंवय के लिए संयुक्त निदेशक उद्योग एसएस शाह को कोओरडिनेटर बनाया गया है।
उद्योग आयुक्त डाॅ. कृृष्णाकांत पाठक ने गुरुवार को उद्योग भवन में पांच दिवसीय शिल्प शाला के आयोजन की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रदेश की हस्त व शिल्पकलाओं से बच्चों, युवाओं, युवतियों और इच्छुक कलाकारों को जोड़ने के लिए शिल्प शाला का अयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अभी तक परंपरागत ब्लाॅक प्रिंटिंग के प्रति जयपुरवासियों का खास उत्साह देखा गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उद्योग आयुक्त डाॅ. कृृष्णाकांत पाठक ने बताया कि पांच दिवसीय शिल्प शाला का आयोजन भारतीय शिल्प संस्थान के सहयोग से उद्योग विभाग के उद्यम प्रोत्साहन संस्थान द्वारा 24 से 28 जून तक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इच्छुक भारतीय शिल्पकला संस्थान की वेबसाइट पर ऑनलाईन या सीधे ही भारतीय शिल्प संस्थान या उद्योग विभाग में 23 जून तक कार्यालय समय में 200 रुपए जमा कराकर पंजीयन करा सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पांच दिवसीय शिल्प शाला झालाना स्थित भारतीय शिल्प संस्थान में निशुल्क आयोजित की गई है।
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