जयपुर। राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी द्वारा स्वतंत्रता संग्राम के अमर पुरोधा श्रृंखला’ के अंतर्गत 2006 से 2019 के मध्य दिवंगत हुए 143 स्वतंत्रता सेनानियों पर मोनोग्राफ प्रकाशित किए जाएंगे। अकादमी इस पुस्तक माला के वृहद खंड प्रकाशित करेगी ताकि नई पीढ़ी को देश के आजादी आंदोलन में राजस्थान के वीरों के बारे में गहराई से जानकारी मिल सके।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने गुरूवार को प्रेस से हुए संवाद में यह जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी देश का पहला ऐसा सरकारी प्रकाशन संस्थान है जिसने एक वर्ष में रिकाॅर्ड 3.71 करोड़ मूल्य की पुस्तकों का विक्रय किया है। गत वित्तीय वर्ष में अकादमी ने यह रिकाॅर्ड बिक्री कर देशभर में अपनी अलग पहचान बनायी है। उन्होंने कहा कि यही नहीं अकादमी द्वारा अपने लेखकों को रिकाॅर्ड 59 लाख रूपये राॅयल्टी का भुगतान किया गया है। राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य है जहां पर लेखकों को अकादमी पूर्ण पारदर्शिता रखते हुए आॅनलाईन राॅयलटी का भुगतान करती है। उन्होंने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में अब तक 1.5 करोड पुस्तकों की बिक्री की जा चुकी है।
भाटी ने बताया कि राज्य में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती को वृहद स्तर पर मनाए जाने के आयोजनों के अंतर्गत एवं अकादमी द्वारा अपनी स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण करने पर 14 सितम्बर, हिन्दी दिवस पर भव्य स्वर्णजयन्ती समारोह का बिड़ला सभागार में आयेोजन करेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मुख्य आतिथ्य में आयेाजित होने वाले विशेष समारोह में अकादमी द्वारा पुस्तक लेखन से जुड़े अपने 200 लेखकों को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि देश की यह पहली ऐसी अकादमी है जो हिन्दी लेखकों को इतने वृहद स्तर पर सम्मानित करने जा रही है।
उन्होंने बताया कि अकादमी इनके अलावा तीन लेखक, जिनकी पुस्तकों के 15 संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं उन्हें विशिष्ट प्रज्ञा पुरस्कार से सम्मानित करेगी। प्रज्ञा पुरस्कार के योग्य तीन लेखक डाॅ. हरिमोहन सक्सेना, डाॅ. रीता प्रताप एवं ममता चतुर्वेदी प्रत्येक को 51,000/- रूपये की राशि का चैक देकर सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर अन्य सम्माननीय लेखकों को प्रतीक चिन्ह एवं अभिनन्दन पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा तथा अकादमी के प्रकाशन एवं विक्रय शाखा से जुडे लोगों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। अकादमी के वर्तमान एवं भूतपूर्व कर्मचारी भी इस अवसर पर सम्मानित होगें।
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि अकादमी ने अपनी स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने पर मनाए जाने वाले स्वर्ण जयन्ती समारोह की मुख्य थीम गांधीजी के जीवन दर्षन और कृतित्व से प्रेरित रखी है। उन्होंने बताया कि पिछले 50 वर्षों में अकादमी ने हिन्दी में देशभर की मानक पुस्तकों का प्रकाशन किया है। हिन्दी में ज्ञान-विज्ञान और तकनीकी विषयों पर स्तरीय पाठ्यपुस्तकों के साथ ही अकादमी ने विशेष संदर्भ पुस्तकों का भी पिछले वर्षों में विशेष रूप से प्रकाशन किया है।
भाटी ने बताया कि राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी ने जुलाई 2019 तक 661 मौलिक, 90 अनुदित एवं 1214 पुस्तकों के संस्करण प्रकाशित किए हैं। यह देश की पहली अकादमी है जिसमें लेखकों को आॅनलाईन राॅयल्टी का भुगतान ही नहीं किया जाता बल्कि लेखक जब चाहे अपनी पुस्तकों की बिक्री और अपनी राॅयल्टी के बारे में जानकारी अकादमी की वेबसाईट से प्राप्त कर सकता है।
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि अकादमी ने अपनी स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने पर मनाए जाने वाले स्वर्ण जयन्ती समारोह की मुख्य थीम गांधीजी के जीवन दर्शन और कृतित्व से प्रेरित रखी है। उन्होंने बताया कि पिछले 50 वर्षों में अकादमी ने हिन्दी में देशभर की मानक पुस्तकों का प्रकाशन किया है। हिन्दी में ज्ञान-विज्ञान और तकनीकी विषयों पर स्तरीय पाठ्यपुस्तकों के साथ ही अकादमी ने विशेष संदर्भ पुस्तकों का भी पिछले वर्षों में विशेष रूप से प्रकाशन किया है।
भाटी ने बताया कि राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी ने जुलाई 2019 तक 661 मौलिक, 90 अनुदित एवं 1214 पुस्तकों के संस्करण प्रकाशित किए हैं। यह देश की पहली अकादमी है जिसमें लेखकों को आॅनलाईन राॅयल्टी का भुगतान ही नहीं किया जाता बल्कि लेखक जब चाहे अपनी पुस्तकों की बिक्री और अपनी राॅयल्टी के बारे में जानकारी अकादमी की वेबसाईट से प्राप्त कर सकता है।
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि राजस्थान हिन्दी ग्रन्थ अकादमी वर्ष 1969 से निरन्तर 50 वर्षो से उच्च शिक्षा की मानक पुस्तकों का प्रकाशन करती आ रही है। साथ ही विभिन्न संगोष्ठियों/कार्यशालाओं के आयोजन द्वारा मानक शब्दावलियों पर विशद चर्चा, पुस्तक मेलों में पुस्तकों के प्रस्तुतीकरण आदि द्वारा अनेक गतिविधियों को साकार रूप देती आ रही है। अकादमी द्वारा प्रकाशित पुस्तकें राज्य के विभिन्न विष्वविद्यालयों की पाठ्यक्रम का भाग हैं। इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, झारखण्ड, बिहार, गुजरात और महाराष्ट्र आदि राज्यों में भी अकादमी की पुस्तकों की प्रतिष्ठा हैं।
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार के विरोध में मुंबई के बोरीवली में निकाला गया कैंडल मार्च
लालू यादव के बयान पर आती है घृणा, बिहार की महिलाएं हर क्षेत्र में आगे - शाम्भवी चौधरी
कोई पद पाने में ममता बनर्जी की रुचि नहीं, भाजपा को रोकना हमारा मकसद - कुणाल घोष
Daily Horoscope