जयपुर। टोंक रोड़ स्थित तारों की कूंट के पास स्थित सघन आबादी वाली कॉलोनी तरूछाया नगर में रोजाना भारी वाहन दौड़ रहे हैं। इससे स्थानीय लोगों में जबरदस्त आक्रोश है, क्योंकि इन वाहनों की वजह से हर समय एक्सीडेंट होने की आशंका बनी रहती है।
इन भारी वाहनों के दौड़ने की वजह यह है कि राजस्थान इंडस्ट्रियल डवलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (रीको) की ओर से बनाए जा रहे फिनटेक पार्क में जाने का रास्ता इसी कॉलोनी में से है। हजारों करोड़ रुपए कमाने के चक्कर में रीको ने वहां हरे पेड़ों की कटाई शुरू कर दी है। इसके लिए छुट्टी वाले दिन और यहां तक कि रात में भी जेसीबी चलाई जा रही हैं। पर्यावरण प्रेमी, स्थानीय वाशिंदे और स्कूल-कॉलेजों के छात्र हरे पेड़ों को काटे जाने का विरोध कर रहे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
तरुछाया नगर में रहने वालों का कहना है कि इस कॉलोनी की सड़क केवल 60 फीट चौड़ी है। इस पर सुबह 5-6 बजे से ही भारी पाइपों से लदे ट्रोले फुल स्पीड में चालू हो जाते हैं और रात 12 बजे तक दौड़ते रहते हैं। कॉलोनी की सड़कों पर करीब 30 फीट लंबे ट्रोलों की पार्किंग और आवागमन से बच्चे एवं बुजुर्गों में दहशत का माहौल है। अब विकास समिति के लोगों ने रीको के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराने और सड़क पर बैरियर लगाने का फैसला किया है।
हालत यह है कि रीको के ठेकेदार विरोध करने पर कॉलोनीवासियों पर हाथ उठाने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं।
कॉलोनीवासियों का कहना है कि वे इस मामले में रीको के वरिष्ठ प्रबंधक से लेकर चेयरमैन कुलदीप रांका तक गुहार लगा चुके हैं। लेकिन, दृव्यवती नदी के किनारे करीब 100 एकड़ में फिनटेक पार्क बनाने का काम नहीं रुक रहा है। यहां रीको द्वारा बड़े-बड़े भूखंड बेचे जा रहे हैं। इसका खामियाजा करीब 50 हजार घरों की सघन आबादी वाले इस क्षेत्र को भुगतना पड़ेगा। क्योंकि इस जंगल में 8000 से ज्यादा हरे पेड़ हैं जो इस क्षेत्र के लिए ऑक्सीजोन का काम कर रहे हैं। लेकिन, अपनी सुरक्षा के लिए बड़े बुजुर्ग और बच्चों को खुद आगे आना पड़ा है। विरोध करने वालों की संख्या यहां बढ़ती जा रही है।
राज्यपाल कलराज मिश्र की भी नहीं सुन रहे अफसरः
तरूछाया नगर के निकट सघन जंगल को काटकर बनाए जा रहे फिनटेक पार्क के मामले में सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा राय और कविता श्रीवास्तव के नेतृत्व में पिछले दिनों एक प्रतिनिधि मंडल राज्यपाल कलराज मिश्र से मिला था। उनकी ओर से दिया गया ज्ञापन राज्य सरकार को भिजवाते हुए राज्यपाल ने यह फिनटेक पार्क कहीं और स्थानांतरित करने के निर्देश दिए थे। लेकिन, रीको के अफसर राज्यपाल की भी नहीं सुन रहे हैं।
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