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जयपुर।
भारत में निश्चित रूप से डिजिटल ग्रोथ की अपार संभावनाएं हैं। आर्टिफिशियल
इंटेलिजेंस, द इंटरनेट ऑफ थिंग्स, 5जी टेक्नोलॉजी, ऑग्मेंटेड रियेलिटी एंड
वर्चुअल रियेलिटी, क्लाउड, रोबोटिक्स, डिजिटल पेमेंट्स आदि सहित नवीनतम
तकनीकी नवाचारों ने स्टार्टअप्स और उद्यमियों के लिए नए रास्ते खोले हैं।
कोविड -19 पेंडेमिक के दौरान डिजिटलीकरण को गति दी है। यह बात सॉफ्टवेयर
टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) के डायरेक्टर डॉ रजनीश अग्रवाल ने
फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल द्वारा आयोजित 'छठे डिजिटल राजस्थान
कॉन्क्लेव' के वर्चुअल संस्करण के उद्घाटन सत्र में कही। यह कॉन्क्लेव
'स्ट्रेन्थनिंग सेल्फ रिलायंट इंडिया थ्रू डिजिटिलाइजेशन' विषय पर आधारित
था।
देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम पर प्रकाश डालते हुए डॉ. अग्रवाल
ने कहा कि स्टार्टअप इकोसिस्टम में 40 बिलियन अमरीकी डालर का निवेश है।
वर्ष 2021 में, भारत इस श्रेणी में सूचीबद्ध 43 स्टार्टअप्स के साथ
यूनिकॉर्न्स के लिए तीसरा सबसे बड़ा घर बन गया। 25 से अधिक स्टार्टअप्स
'सूनिकॉर्न' श्रेणी में हैं, जिसका मतलब है कि उन्हें जल्द ही यूनिकॉर्न के
रूप में सूचीबद्ध किया जाएगा। श्री अग्रवाल ने कहा कि इस वर्ष भारत से
यूनिकॉर्न्स की संख्या 100 से पार होने की उम्मीद है।
डिजिटल ग्रोथ
के साथ-साथ देश में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए एसटीपीआई की योजनाओं
और पहलों के बारे में बताते हुए, डॉ. अग्रवाल ने कहा कि एसटीपीआई ने टियर 2
और टियर 3 शहरों में 20 सेंटर्स ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप स्थापित किए हैं और
अभी ऐसे 5 और सेंटर पाइपलाइन में हैं। जयपुर में स्टार्टअप्स के लिए एक
इन्क्यूबेशन सेंटर भी विकसित किया जा रहा है। उन्होंने नेक्स्ट जनरेशन
इनक्यूबेशन स्कीम (एनजीआईएस) के बारे में भी बताया, जो कि इलेक्ट्रॉनिक्स
और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा एसटीपीआई को कार्यान्वयन के लिए
सौंपी गई एक भविष्यवादी और व्यापक इनक्यूबेशन स्कीम है।
चेयरमैन,
फिक्की राजस्थान सब-कमेटी ऑन एंटरप्रेन्योरशिप और सीईओ, पिनेकल इंफोटेक, बिमल पटवारी, ने कहा पिछले कुछ वर्षों में फिक्की द्वारा डिजिटल
कॉन्क्लेव की पहल ने आईटी उद्योग के साथ-साथ स्टार्टअप इकोसिस्टम में कई
हितधारकों को जोड़ा और लाभान्वित किया है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला
कि भले ही महामारी ने भारत में डिजिटलीकरण को अपनाने में तेजी लाई है,
लेकिन कुछ चुनौतियां हैं जिन पर ध्यान देने की जरूरत है। जैसे कि कार्मिकों
की रि-ट्रेनिंग और रि-डिप्लॉयमेंट एक अनिवार्य टास्क है जिसे करने की
आवश्यकता है।
वाईस प्रेसिडेंट, हेड ऑफ गवर्नमेंट अफेयर्स (इंडिया
एवं साउथ एशिया) सैप इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, उदय बोनू ने अपने
संबोधन में ग्लोबल मेगा ट्रांस्फॉर्मेशन थीम्स के बारे में बात की जो
डिजिटलीकरण के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका
निभाएगा। इनमें से कुछ विषयों में एकीकृत गतिशीलता, सस्टेनेबल एनर्जी,
सर्कुलर इकोनॉमी, आजीवन स्वास्थ्य, समावेशी शहर, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला
आदि शामिल है।
डायरेक्टर - एडवाइजरी अर्न्सट एंड यंग,
वेंकटराममूर्ति श्रीरामगिरी ने अपनी प्रजेंटेशन के माध्यम से डिजिटलीकरण से
प्रभावित प्रमुख क्षेत्रों पर प्रकाश डाला। उन्होंने पांच बिंदुओं के बारे
में बताया, जिन्होंने भारत को डिजिटल रूप से बदलने में मदद की है - बड़े
पैमाने पर गुणवत्तापूर्ण डिजिटल शिक्षा, आसान और सस्ती क्रेडिट एक्सेस,
गुणवत्ता चिकित्सा देखभाल, लागत प्रभावी लॉजिस्टिक और हाई स्पीड इंटरनेट।
इस अवसर पर एडवाइजर, फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल, अजय सिंघा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
उद्घाटन
सत्र के बाद 'स्ट्रेन्थनिंग सेल्फ रिलायंट इंडिया थ्रू डिजिटिलाइजेशन' और
स्टार्टअप ओएसिस द्वारा 'लीवरेजिंग डिजिटल लीप फॉर सोश्यो-इकोनॉमिक
ट्रांस्फॉर्मेशन' विषय पर 2 प्लेनैरी सत्र आयोजित हुए।
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