Editors Comments :- यह फैसला रियल एस्टेट क्षेत्र में उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा का महत्वपूर्ण उदाहरण है, जिसमें देरी और विवाद के मामलों में डेवलपर और भूमि मालिक की जिम्मेदारी पर प्रकाश डाला गया है। यह आदेश अन्य खरीदारों के लिए भी एक चेतावनी के रूप में कार्य करेगा कि वे अपने निवेशों के प्रति सतर्क रहें।
- गिरिराज अग्रवाल - ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जयपुर। राजस्थान रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RAJ-RERA) ने एक महत्वपूर्ण मामले में कहा है कि फेलिसिटी इरेन उषा टॉवर प्रोजेक्ट में आवासीय इकाई का खरीदने वाले ग्राहक विजय टंडन और साधना टंडन को 1,07,33,550 रुपए की राशि 11.10 प्रतिशत ब्याज समेत वापस की जानी चाहिए। यह निर्णय 4 नवंबर 2024 को दिया गया, जिसमें कहा गया है कि डेवलपर और भूमि मालिक दोनों इस देरी के लिए जिम्मेदार हैं।
प्रकऱण के मुताबिक शिकायतकर्ता ने साल 2015 में एक 4 BHK फ्लैट के लिए बुकिंग की थी, जिसकी कुल कीमत 1,46,32,132 रुपए थी। हालांकि, डेवलपर ने वादा किया था कि फ्लैट का कब्जा जुलाई 2017 में दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जबकि शिकायतकर्ता ने बिल्डर को 1.07 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया। डेवलपर ने बिना किसी स्पष्ट कारण के बाद में रुपयं की कोई मांग भी नहीं की थी।
शिकायतकर्ता ने अब जमा राशि की वापसी के साथ ही 21% ब्याज और 25 लाख रुपए मुआवजे की भी मांग की थी।
सुनवाई के बाद रेरा की चेयरपर्सन वीनू गुप्ता ने शिकायतकर्ता को उसकी जमा की गई राशि और उस पर 11.10 प्रतिशत ब्याज देने का आदेश दिया है। आदेश में भी यह स्पष्ट किया गया है कि प्रोजेक्ट में देरी के लिए मुख्य रूप से डेवलपर और भूमि मालिक जिम्मेदार हैं।
रेरा ने आदेश में उल्लेख किया है कि प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए कई बार एक्सटेंशन लिया गया, फिर भी यह प्रोजेक्ट अधूरी रहा। फैसले का पालन करने के लिए बिल्डर को 45 दिन का समय दिया गया है।
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