जयपुर। राजस्थली में राजस्थान के प्रतिनिधि शिल्प को आकर्षक व सम्मोहक तरीके से इस तरह से प्रस्तुत किया जाएगा जिससे यहां आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक राजस्थानी शिल्प और शिल्पकारों के हुनर से रुबरु हो सकें। प्रमुख शासन सचिव एमएसएमई डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बुधवार को अन्तरराष्ट्रीय ख्यातनाम फैशन डिजाइनर बीबी रसेल के साथ राजस्थली का दौरा किया और राजस्थली को राजस्थानी शिल्प और शिल्पकारों का प्रतिनिधि आउटलेट बनाने के संबंध में विस्तार से चर्चा की और सुझाव दिए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गौरतलब है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थली को राजस्थानी शिल्प की प्रतिनिधि संस्था केरूप में विकसित करने की आवश्यकता प्रतिपादित की थी। बीबी रसेल ने बताया कि उन्होंने बहुत पहले पं. बंगाल के एक आउटलेट पर राजस्थानी के सतरंगी हस्तशिल्प को देखा तो उससे वे इतनी प्रभावित हुई कि वे राजस्थान से जुड़ गई। उन्होंने कहा कि सतरंगी राजस्थानी हैण्डीेक्राफ्ट से देश- दुनिया के लोगों को रुबरु कराने और हस्तशिल्पियों, बुनकरों और दस्तकारों को बाजार उपलब्ध कराने में राजस्थली के माध्यम से महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकता है।
प्रमुख सचिव एमएसएमई डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बीबी रसेल से गहन विचार विमर्श के बाद राजसिको के अधिकारियों को निर्देश दिए कि राजस्थली मेें हस्तशिल्प उत्पादों के प्रेजेंटेशन में आमूलचूल बदलाव लाया जाए, उत्पादों पर टेगिंग व्यवस्था को इस तरह से सुनिश्चित किया जाए ताकि खरीदने वाले को पता लग सके कि यह राजस्थान के किस क्षेत्र विशेष की किस विशेषता को समाहित किए हुए है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही डिस्प्ले के साथ शिल्पी, बुनकर या दस्तकार का परिचय, परंपरागत शिल्प की जानकारी और विशेषता से संबंधित संक्षिप्त जानकारी हो तो इससे शिल्पकार को भी पहचान मिल सकेगी।
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