जयपुर । राजस्थान विधानसभा के
मानसून सत्र की शुरूआत से एक दिन पहले वसुंधरा राजे के करीबी माने जाने
वाले पूर्व अध्यक्ष कैलाश मेघवाल के एक पत्र ने मेवाड़ की राजनीति में
गुटबाजी तेज कर दी है। इस पत्र में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया को
उनके पद से हटाने की मांग उठाई गई है।
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राजस्थान विधानसभा का मानसून सत्र नौ सितंबर से शुरू होगा और इससे
एक दिन पहले मेघवाल ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को पत्र लिखकर
कटारिया को हटाने की मांग की है और कटारिया के खिलाफ सदन में निंदा
प्रस्ताव लाने को कहा है।
मेघवाल ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी
पत्र लिखा है और स्पष्ट किया है कि वह मांग क्यों उठा रहे हैं। अपने पत्र
में उन्होंने कहा है कि महाराणा प्रताप और भगवान राम पर कटारिया की
टिप्पणियों ने पिछले तीन उपचुनावों में भाजपा के वोट बैंक को नुकसान
पहुंचाया है।
उन्होंने कटारिया पर कई गंभीर आरोप भी लगाए।
पूर्व सीएम भैरोंसिंह शेखावत के समय से ही मेघवाल और कटारिया राजस्थान में राजनीतिक प्रतिद्वंदी के रूप में जाने जाते हैं।
इस
बीच पत्र के वायरल होने के बाद कटारिया ने बयान जारी कर कहा, 'पार्टी
नेताओं द्वारा लिए गए किसी भी फैसले को मैं मानने के लिए तैयार हूं।
राजस्थान में जल्द ही मेवाड़ क्षेत्र, वल्लभनगर और धारियावाड़ सीट पर दो उपचुनावों की घोषणा की जाएगी।
सूत्रों
ने कहा, भाजपा की योजना जनता सेना के संयोजक रणधीर सिंह भिंडर की पत्नी को
चुनाव में उतारने की है, हालांकि कटारिया इसके लिए तैयार नहीं हैं।
भिंडर अपनी पत्नी के साथ दिल्ली में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से भी मिले, जो राजस्थान में चर्चा का विषय बन गया।
इस
बीच, मेघवाल का पत्र आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, दत्तात्रेय होसाबोले,
केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजे, भूपेंद्र यादव, ओम माथुर और राजस्थान
प्रभारी अरुण सिंह और सतीश पूनिया सहित कई वरिष्ठ नेताओं को भी भेजा गया
है।
--आईएएनएस
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