जयपुर। स्कूल और कॉलेज मैगजीन्स में लिखते हुए हमेशा जिंदगी को एक्स्प्लोर किया, मेरे लिए लिखना जिंदगी को गहराई से पहचानना है। ये कहना था ऑथर संहिता बरुआह का, वे मंगलवार को जयपुर के आईआईएस डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय में क्रिएटिव सेशन में स्टूडेंट्स को सम्बोधित करने पहुंची। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस दौरान लेखिका ने इंग्लिश लिटरेचर स्टूडेंट्स को नॉवेल, कविताएं और बुक राइटिंग के टिप्स शेयर किए। चैम्प रीडर्स एसोसिएशन और लीडिंग ट्रेल्स की ओर से आयोजित हुए इस सेमिनार में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त ब्लॉगर संहिता ने अपनी दूसरी बुक 'द आर्ट ऑफ़ लेट्टिंग गो' के बारे में भी अनुभव साझा किए।
कोका कोला कंपनी में वरिष्ठ पद पर कार्यरत लेखिका ने बताया कि बुक में शॉर्ट स्टोरीज के तीन चैप्टर्स 'क्लोज़र, हॉप और लव' के जरिए इमोशनल रॉलर-कोस्टर राइड देने की कोशिश की है। संहिता आगे कहती है कि 10 साल की उम्र में कविताएं, शार्ट स्टोरी लिखने लग गयी थी। देश के कई बड़े जर्नल्स और न्यूपेपर्स में मेरे कॉलम्स और आर्टिकल्स आ चुके है। इन्हीं गुरों को मैंने स्टूडेंट्स के बीच बांटा, जिसके चलते स्टूडेंट्स ने भी सेशन के दौरान काफी इंटरेस्ट लिया।
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