जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि स्वच्छ और स्वस्थ गांव ही स्मार्ट बन सकता है। इसके लिए सभी ग्रामवासियों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट गांव के सभी लोगों को स्वावलम्बी होना भी आवश्यक है। मिश्र ने कहा कि ग्रामवासियों को स्वावलम्बी बनाने में विश्वविद्यालय को अग्रणी भूमिका निभानी होगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राज्यपाल एवं कुलाधिपति मिश्र शुक्रवार को जोधपुर जिले में जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांव नान्दडा कल्ला में ग्रामीणों को सम्बोधित कर रहे थे। राज्यपाल कलराज मिश्र और प्रदेश की प्रथम महिला सत्यवती मिश्र ने गांव में चिली का पौधा लगाया। राज्यपाल मिश्र ने गांव में विश्वविद्यालय द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। राज्यपाल मिश्र गांव में लगभग दो घंटे तक रहे।
विश्वविद्यालय ग्रामवासियों को रोजगार का प्लेटफार्म उपलब्ध कराये - राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षक और अधिकारी गांव में प्रतिभाओं को तलाशे और युवा प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए उनकी प्रतिभा के अनुसार प्लेटफार्म उपलब्ध करावे। राज्यपाल ने कहा कि गांव में सिलाई-बुनाई, मोबाइल मरम्मत, सोयाबीन से दूध व पनीर बनाने जैसे छोटे-छोटे उद्योग आसानी से लगाये जा सकते है। जोधपुर सूर्य नगरी है, यहां के गांवों को सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना चाहिए।
आधारभूत ढांचा विकसित करें
राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि विश्वविद्यालय हर ढाई वर्ष में नया गांव गोद ले। गांव में आधारभूत ढांचा विकसित करे। गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पानी और बिजली की व्यवस्था पर ध्यान देना जरूरी है। यह गांव की आधारभूत आवश्यकताएं है। मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालय को गांव के खेतों की मिट्टी का परीक्षण करा कर संबंधित किसान को उसके बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध करानी होगी। सभी ग्रामवासियो का आधार कार्ड बनाने, हर घर में शौचालय निर्माण और गांव में कचरा संग्रहण की व्यवस्था को भी विश्वविद्यालय प्रशासन को सुनिश्चित करना होगा।
गोद लिए गांव को छोड़े नही विश्वविद्यालय
राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालय गोद लिए गए गांव में ढाई वर्ष कार्य करे और फिर नया गांव गोद लेकर उसे भी ढाई वर्ष में विकसित करने का प्रयास करें। मिश्र ने कहा कि ढाई वर्ष के उपरांत विश्वविद्यालय को गोद लिया गया गांव छोड़ना नही है। नये गोद लिए गांव के साथ पुराने गांव में भी निरन्तर कार्य करना होगा।
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