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जयपुर,। पिछले कुछ वर्षों में, वन्यजीव
प्रेमियों और हॉस्पिटैलिटी विशेषज्ञों ने सरिस्का में टहला क्षेत्र की
विकासात्मक गतिविधियों में भारी निवेश किया है। क्षेत्र में विकास से
स्थानीय आबादी को रोजगार मिला है और स्थानीय व्यापारियों के लिए व्यवसाय के
अवसर भी उपलब्ध हुए हैं। राज्य का एकमात्र होलिस्टिक वाइल्डलाइफ टूरिज्म
स्थल होने के कारण 'टहला' को राज्य सरकार के राजस्थान मिशन 2030 अभियान में
'विशेष टूरिज्म जोन' का दर्जा दिया जाना चाहिए।
यह बात नवगठित
हॉस्पिटैलिटी एसोसिएशन ऑफ टहला सरिस्का (हैट्स) के अध्यक्ष, गजेंद्र सिंह
पंवार ने जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही। एसोसिएशन की
स्थापना सरिस्का टाइगर रिजर्व, स्थानीय आबादी की बेहतरी और टहला क्षेत्र के
विकास की दिशा में सरकार और संबंधित गैर-लाभकारी संगठनों की सहायता के लिए
की गई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हैट्स के उपाध्यक्ष, शक्ति सिंह ने बताया कि एसोसिएशन इस
क्षेत्र में शादियों, म्यूजिक फेस्टिवल आदि जैसे शोर शराबे से दूर वन्यजीव
पर्यटन, स्मारक पर्यटन और मंदिर पर्यटन को बढ़ावा देते हुए टूरिस्ट्स को
गुणवत्तापूर्ण पर्यटन और शांत वातावरण का आनंद प्रदान करने के लिए
प्रतिबद्ध है। हैट्स का मिशन स्थानीय महिलाओं के लिए रोजगार के अवसरों को
प्राथमिकता देते हुए संरक्षण और व्यापार में सामंजस्य स्थापित करना है।
वाइल्डलाइफ कम्यूनिटी के समर्पित स्टेकहोल्डर्स के रूप में हैट्स का उदेश्य
टहला घाटी में पर्यावरण अनुकूल और जिम्मेदार विकास को बढ़ावा देता है।
उन्होंने कहा कि यह दृष्टिकोण मौजूदा इकोसिस्टम के संरक्षण और सभी
प्रासंगिक नियमों का कड़ाई से पालन करना सुनिश्चित करता है।
हैट्स
के सचिव, लव शेखावत ने कहा कि सरिस्का राज्य की राजधानी और देश की राजधानी
से सबसे निकटतम टाइगर रिजर्व है। नए जिलों के गठन के बाद, अलवर में केवल
पर्यटन ही प्रमुख उद्योग बचा है और पर्यटन क्षेत्र में सरिस्का का योगदान
90% है। वर्ष 2022 से पहले सरिस्का के लिए राजस्व का मुख्य स्रोत मंगलवार
और शनिवार टेम्पल ड्राइव था, अब यह टहला गेट है जो सरिस्का टाईगर रिजर्व के
लिए प्रमुख राजस्व का स्रोत है। इसके बावजूद क्षेत्र में बुनियादी ढांचे
के विकास के लिए कोई सरकारी मान्यता या सहयोग प्राप्त नहीं है। यह राजस्थान
में एकमात्र वाइल्डलाइफ डेस्टिनेशन भी है, जो होलिस्टिक वाइल्डलाइफ
टूरिज्म की पेशकश करता है। इसके साथ ही प्राइवेट डेवलपर्स द्वारा 3 वर्ष की
अवधि में कुल 50 करोड़ का निवेश किया गया है। क्षेत्र की 2000 की जनसंख्या
में से 300 से ज्यादा स्थानीय लोग प्रत्यक्ष रूप से और 500 से अधिक
स्थानीय लोग अप्रत्यक्ष रूप से आतिथ्य सेवा में कार्यरत हैं।
हैट्स
के संयुक्त सचिव, निमित माथुर ने कहा कि समुदायों के लिए वित्तीय लाभ के
अतिरिक्त एसोसिएशन स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता अभियान और संरक्षण जैसी
अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों के लिए भी काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि
संपत वाइल्डलाइफ फाउंडेशन, हैट्स और टॉफ्टिगर द्वारा संयुक्त रूप से
"सरिस्का नेचुरलिस्ट ट्रेनिंग प्रोग्राम" आयोजित किया जा रहा है। यह
कार्यक्रम 18 सितंबर से 29 सितंबर तक टहला क्षेत्र में उत्सव कैम्प सरिस्का
में आयोजित होने वाला है। ट्रेनर जेनिफर नंदी के नेतृत्व में यह प्रशिक्षण
कार्यक्रम सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम का
उदेश्य स्थानीय समुदायों और उनके आसपास के जंगल के बीच सहज संबंध स्थापित
करना है। यह प्रोग्राम कुशल नेचुरलिस्ट और गाइड्स का एक समूह तैयार करने की
दृष्टि से डिजाइन किया गया है, जो क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों के
वाइल्ड लाइफ अनुभव को यादगार और खास बना सकें।
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