जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वन एवं वन्य जीव हमारी जैव विविधता का महत्वपूर्ण अंग है। प्रदेश में कई दुर्लभ प्रजातियों के वन्य जीव है, उनका योजनाबद्ध तरीके से संरक्षण एवं संवर्धन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि टाइगर रिजर्व क्षेत्रों से पुनर्वास के काम को गति दी जाए। वहां रह रहे लोगों को वन्य जीवों की सुरक्षा के प्रति जागरूक कर मुफीद स्थान पर उचित पैकेज देकर पुनर्वास किया जाए।
गहलोत गुरूवार को अरण्य भवन में वन विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने राज्य पक्षी गोडावण तथा खरमोर चिड़िया की दुर्लभ प्रजाति को संरक्षित करने के लिए प्रदेश में किए जा रहे प्रयासों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि पारिस्थितिकी संतुलन के लिए ऐसे दुर्लभ वन्यजीवों को बचाना बेहद जरूरी है। इसके लिए राज्य सरकार संसाधन उपलब्ध कराने में कोई कमी नहीं रखेगी। उल्लेखनीय है कि राज्य में ग्रेड इण्डियन बस्टर्ड (गोडावण) के संरक्षण के लिए कृत्रिम प्रजनन का अभिनव प्रयोग किया गया है। इससे 9 अण्डों से चूजे प्राप्त किए हैं। गोडावण और खरमोर के संरक्षण के लिए रेडियो काॅलर भी लगाए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय मरू उद्यान क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र को बचाए रखने जोर देते हुए कहा कि मरूस्थलीय प्रजाति के जीव-जंतुओं का यहां के इको-सिस्टम में महत्वपूर्ण स्थान है। ऐसे में इनको बचाए रखने के लिए आमजन को जागरूक किया जाना चाहिए। इसके लिए उन्होंने लघु फिल्म, वृत्त चित्र आदि तैयार कर लोगों को वन एवं पर्यावरण के संरक्षण के प्रति शिक्षित करने के निर्देश दिए।
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