जयपुर। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका से एडवोकेट पूनम चंद भंडारी ने आग्रह किया है कि पारिवारिक न्यायालय में दो जजों के बैठने की व्यवस्था नहीं है। इसलिए महिला आयोग से 3 कमरे अस्थाई तौर पर दिला दिए जाएं। ताकि न्यायालय का काम सुचारू रूप से चल सके। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भंडारी एवं पारिवारिक न्यायालय के अध्यक्ष डी. एस. शेखावत रांका से मिले थे। उन्होंने महिला एवं बाल विकास प्रमुख सचिव से कहा था कि महिला आयोग में कमरे खाली हैं। उनमें से तीन कमरे पारिवारिक न्यायालय को अस्थाई तौर पर सुपुर्द कर दिए जाएं, जिससे न्यायालय का कार्य सुव्यवस्थित रुप से चल सके। पक्षकारों को परेशानी से बचाए जा सके। इस पर महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव ने कहा था कि वह महिला आयोग की अध्यक्ष बात करके समस्या का समाधान करा देंगी। लेकिन, अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
कुलदीप रांका ने आश्वासन दिया कि बजट सत्र के पश्चात इस समस्या का समाधान करा देंगे। उनका कहना था कि न्यायाधीशों के बैठने की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए। पक्षकारों को भी परेशानी नहीं होनी चाहिए। उन्हें यह बताया गया कि यहां 3 न्यायालय काम कर रहे हैं। चौथे न्यायालय में जज साहब एक कमरे में बैठकर काम कर रहे हैं। कुलदीप रांका के साथ पूनम चंद भंडारी, अभिनव भंडारी एडवोकेट, अंकित भंडारी चार्टर्ड अकाउंटेंट भी उपस्थित रहे।
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