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जयपुर,। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने शनिवार को नागौर के डेगाना स्थित महात्मा गांधी राजकीय (अंग्रेजी माध्यम) विद्यालय ईड़वा में हाल में बने एक स्मार्ट कक्षा-कक्ष का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण किया। इस स्मार्ट कक्षा कक्ष का निर्माण कोलकाता के प्रवासी राजस्थानी भामाशाह प्रकाश चन्द्र नाहर पुत्र स्व. लाल चन्द्र नाहर द्वारा करवाया गया है। उन्होंने उपस्थित सम्माननीय जन, भामाशाहों, विद्यालय प्राचार्य और विद्यार्थियों को बधाई दी। इस दौरान भामाशाह प्रकाश चन्द्र नाहर के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि स्मार्ट कक्षा-कक्ष जैसी सुविधाएं बच्चों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने और उनकी शिक्षा को अधिक प्रभावी एवं गुणवत्तापूर्ण बनाने में सहायक होगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शिक्षा मंत्री दिलावर ने भामाशाह नाहर के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यद्यपि वे कोलकाता में निवास करते हैं लेकिन उनका मन आज भी अपनी माटी और अपने पैतृक निवास स्थान ग्राम ईडवा व जिले से जुड़ा हुआ है, जिनकी बदौलत बच्चों को यह स्मार्ट कक्षा कक्ष प्राप्त हुआ है। प्रकाश जी ने कोलकाता में रहते हुए भी अपनी जन्मभूमि के प्रति अपने दायित्व को समझा और शिक्षा के क्षेत्र में यह महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे पूर्व में विद्यालय के लिए फर्नीचर भी उपलब्ध करा चुके हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में सुधार का प्रतीक —
शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि इस तरह की पहल न केवल शिक्षा के क्षेत्र में सुधार का प्रतीक है, बल्कि यह अन्य भामाशाहों और समाजसेवियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। उन्होंने समाज के हर वर्ग से शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देकर देश के उज्जवल भविष्य के निर्माण में अपनी भूमिका निभाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ऐसी परियोजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को सुधारने और छात्रों के उज्जवल भविष्य के निर्माण में सहायक सिद्ध होंगी और समाज के हर वर्ग को प्रेरित करने का अहम कार्य करेंगी।
बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने पर दिया जोर —
शिक्षा मंत्री दिलावर ने बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए लाडो प्रोत्साहन योजना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 1 अगस्त को शुरू की गयी यह योजना बेटियों के जन्म के प्रोत्साहन, बेहतर स्वास्थ्य, सुरक्षित एवं और सुशिक्षित जीवन को सुनिश्चित कर रही है। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देकर बालिका शिशु मृत्यु दर में कमी और लिंगानुपात में सुधार लाना इस योजना का प्रमुख उद्देश्य है। उन्होंने बालिकाओं का विद्यालयों में नामांकन एवं ठहराव और उनकी उच्च शिक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
गौरतलब है कि लाडो प्रोत्साह योजना के तहत बालिका के समग्र विकास हेतु सरकार द्वारा एक लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इस राशि का भुगतान बालिका के जन्म से लेकर स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण करने एवं 21 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर कुल सात चरणों में लाभार्थी के बैंक खाते में ऑनलाईन माध्यम से किया जाता है। सरकार की यह पहल बालिका की शिक्षा, स्वास्थ्य और बेहतर जीवन बनाने में उपयोगी साबित होगी।
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