जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुलिस प्रशासन को महिलाओं, बालकों एवं बालिकाओं के प्रति प्रताड़ना एवं जघन्य अपराधों में प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री निवास पर हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेशभर में थानों में तत्काल मुकदमा दर्ज करने और पीड़ित को त्वरित न्याय दिलाने की प्रक्रिया को सुदृढ़ बनाया जाए। उन्होंने इसके लिए अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों के विरूद्ध अपराधों के पर्यवेक्षण के लिए जिले में पदस्थापित नोडल अधिकारी उप अधीक्षक पुलिस (अजा-जजा) के समान ही महिला एवं बच्चों के विरूद्ध अपराधों के पर्यवेक्षण के लिए भी नोडल अधिकारी उप अधीक्षक पुलिस (महिला सुरक्षा) का पद सृजित करने के निर्देश दिए।
यह अधिकारी जिले में स्थित महिला थानों का भी पर्यवेक्षण करेगा, साथ ही सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग में स्थानीय स्तर पर समन्वय स्थापित कर महिलाओं के प्रति हो रहे अत्याचार के मामलों में पीड़ित पक्ष को सहायता, मार्गदर्शन एवं सम्बल प्रदान करने का कार्य करेगा।
थाने में मना किया तो जिला स्तर पर दर्ज होगी एफआईआर
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि थानेदार द्वारा संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज नहीं करने की फरियाद पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचती है तो पुलिस अधीक्षक परिवाद पर जिला स्तर पर ही एफआईआर दर्ज करने की कार्यवाही करना सुनिश्चित करें एवं संबंधित थानेदार का उत्तरदायित्व निर्धारित करने की कार्यवाही भी करें।
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