जयपुर । प्रदेश की गहलोत सरकार में इच्छा शक्ति की कमी के कारण शिक्षकों की नई नियुक्तियों की प्रक्रिया में देरी हो रही है। पूर्व मंत्री एवं विधायक किरण माहेश्वरी ने कहा कि गहलोत ने वर्ष 2019-20 के बजट में 75000 नई भर्तियों की घोषणा की थी। किन्तु नई भर्तियों की प्रक्रिया अभी तक भी चालु नहीं हो पाई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
किरण माहेश्वरी ने कहा कि शिक्षक पात्रता परीक्षा की पूरी प्रक्रिया 45 दिनों में पूरी की जा सकती है। पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार ने 2018 में पात्रता परीक्षा आयोजित की थी। उस समय के 4500 पद रिक्त चल रहे है। उच्च न्यायालय ने नई प्रतीक्षा सूची जारी कर भर्ती करने के निर्देश दिए है। किन्तु अभी तक भी प्रतीक्षा सूची जारी नहीं की गई है। अन्य विभागों की भर्तियों की भी यही स्थिति है।
किरण माहेश्वरी ने कहा कि राजस्थान में बढ़ते अपराधों एवं प्रशासन पर पकड़ नहीं होने के कारण नया निवेश भी नहीं आ रहा है। इस कारण निजी क्षेत्र में भी रोजगार सृजित नहीं हो रहा है। सरकार नौकरी दे नहीं रही है। निजी क्षेत्र सुस्त पड़ा है। युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। प्रदेश सरकार के प्रति जनता में गुस्सा चरम पर है।
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