जयपुर । एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी
मुर्मू का राजस्थान के साथ एक मजबूत आध्यात्मिक बंधन है, क्योंकि वह माउंट
आबू की नियमित आगंतुक रही हैं।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
ओडिशा के संथाल आदिवासी समुदाय से आने वाली मुर्मू ने अपने जीवन
में कई संघर्षों का सामना किया है। 2009 से 2015 के बीच महज छह साल में
मुर्मू ने अपने पति, दो बेटों, मां और भाई को खो दिया।
रिपोटरें के
अनुसार, उस समय के दौरान मुर्मू ब्रह्म कुमारियों की ध्यान तकनीकों की एक
गहरी अभ्यासी बन गईं, एक आंदोलन जो उन्होंने अपने व्यक्तिगत नुकसान के बाद
किया।
यह लगभग 13 साल पहले की बात है जब वह पहली बार माउंट आबू में
ब्रह्म कुमारी संस्थान से जुड़ी थीं। समय के साथ, इस संस्था के साथ उनके
संबंध मजबूत हुए और उन्होंने तनाव दूर करने के लिए राज योग सीखा। दरअसल, वह
संस्थान के कई कार्यक्रमों का हिस्सा रह चुकी हैं।
2009 में वह पहली बार यहां आई और राजयोग सीखा। तब से वह लगातार संस्थान के संपर्क में हैं।
जब वह झारखंड की राज्यपाल थीं, तब वह दो बार ब्रह्म कुमारी संस्थान का दौरा कर चुकी थीं।
8 फरवरी, 2020 को उन्होंने यहां वैल्यू एजुकेशन फेस्टिवल में हिस्सा लिया था।
मुर्मू
को एनडीए का राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने से संस्थान के सदस्य
खुश हैं। बी.के. ब्रह्म कुमारी संस्थान के कार्यकारी सचिव मृत्युंजय ने
नामांकन के बाद उन्हें फोन कर बधाई दी थी।
देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं प्रतिभा पाटिल राष्ट्रपति बनने से पहले ब्रह्मकुमारी संस्थान भी गई थीं।
--आईएएनएस
मोहन भागवत के संबोधन में आरएसएस का दोहरा मापदंड झलक रहा है : कपिल सिब्बल
बाबा सिद्दीकी के घर के आसपास बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात, आज रात किया जाएगा सुपुर्द-ए-खाक
असम के कुछ हिस्सों में महसूस किए गए भूकंप के झटके
Daily Horoscope