जयपुर। पूर्व मंत्री और भरतपुर विधायक डॉ. सुभाष गर्ग ने बुधवार को विधानसभा में लोकायुक्त प्रतिवेदन पर चर्चा के दौरान सरकार का ध्यान आकर्षित किया और कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश की दिशा में लोकायुक्त के अधिकार क्षेत्र को विस्तार देने की बात की और कहा कि लोकायुक्त को ईडी (ए Enforcement Directorate) और सीबीआई (Central Bureau of Investigation) की तरह सीज और सर्च का अधिकार मिलना चाहिए।
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डॉ. गर्ग ने प्रस्तावित किया कि इसके लिए लोकायुक्त के अधीन एक विशेष पुलिस इकाई का गठन किया जाना चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार की लोकायुक्त व्यवस्था के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि इसमें सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि लोकायुक्त के क्षेत्राधिकार में गैर सरकारी संगठन, पंचायतें, विश्वविद्यालय, निगम, बोर्ड और सभी स्वायत्तशासी संस्थाएं शामिल की जानी चाहिए। इसके अलावा, प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करने वाली संस्थाओं, जैसे कि प्राइवेट इंस्टिट्यूट, मेडिकल कॉलेज, उद्योग और औद्योगिक इकाइयों को भी इसके दायरे में लाया जाना चाहिए।
डॉ. गर्ग ने सुप्रीम कोर्ट के हवाले से कहा कि ईडी, सीबीआई और लोकायुक्त जैसी संस्थाओं को स्वतंत्रता प्रदान की जानी चाहिए और इन्हें मैनेजेरियल और फाइनेंशियल अथॉरिटी दी जानी चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने लोकायुक्त व्यवस्था में एक आईटी सेल के गठन की भी आवश्यकता जताई और केरल, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश और कर्नाटक की लोकायुक्त व्यवस्था की स्टडी करवाने का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि इन एजेंसियों को स्वायत्त बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है ताकि वे प्रभावी ढंग से काम कर सकें और भ्रष्टाचार को नियंत्रित किया जा सके।
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