उन्होंने
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मेरे लिए कहा कि नए-नए
मुल्ला बने हैं, इसलिए ज्यादा बांग दे रहे हैं। इस पर मैंने कहा कि
मुख्यमंत्री स्वयं अपने बेटे को राजनीति में स्थापित नहीं कर पाए, इससे
उनकी मानसिक स्थिति व उम्र का असर दिखाई पड़ता है। जब राजनीति में नई पीढ़ी
आती है व किसान के बेटे को राजनीति में बढ़ता हुआ देख उनके पेट में दर्द
क्यों हो रहा है?
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की जब गुड माॅर्निंग
होती है, तो वो संघ और मोदी को कोसना शुरू कर देते हैं और गुड नाईट होने
पर भी वो यही करते हैं। ऐसा करने से सोनिया गांधी और राहुल गांधी राजी होते
हैं, इसलिए वो ऐसा ही करते हैं, ये बेबुनियाद-सी बात हैं।
विकास के नाम पर एक
वर्ष में ईंट नहीं लगी और राजस्थान के पूरे विकास को ग्रहण लगा हुआ है।
राजस्थान में इतनी अराजकता कभी नहीं देखी गई। प्रदेश में अशोक गहलोत पूरे
तरीके से विफल मुख्यमंत्री साबित हुए है। इसलिए मुख्यमंत्री मुद्दों से
ध्यान भटकाने के लिए जनता में भ्रम पैदा करने का काम कर रहे हैं। राजस्थान
में पहली बार हुआ कि किसी जायज मुद्दे पर, संवैधानिक मुद्दे पर,
मुख्यमंत्री ने नागरिकता संशोधित विधेयक पर अशांति फैलाने वाला पैदल मार्च
किया।
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