जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रदेश में स्वाइन फ्लू पर नियंत्रण, रोकथाम एवं उपचार के लिए व्यापक व्यवस्था की गई है। प्रदेशवासियों से स्वाइन फ्लू जैसे लक्षण प्रतीत होने पर घबराने के बजाय तत्काल निकटवर्ती चिकित्सा केंद्र पर जाकर जांच करवाने का आग्रह किया गया है।
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चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने बताया कि इन व्यवस्थाओं की निदेशालय स्तर पर दैनिक मॉनीटरिंग की जा रही है। स्वाइन फ्लू की निगरानी एवं पॉजिटिव पाए जाने पर उपचार सहित तत्काल आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए राज्य नियंत्रण कक्ष सहित सभी जिलों में स्वाइन फ्लू नियंत्रण कक्ष कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा टोल फ्री नंबर 104 से स्वाइन फ्लू के लक्षण, जांच एवं उपचार के विषय में आवश्यक जानकारी ली और दी जा सकती है। नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नंबर 0141-2225624 हैं।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि सभी 6 राजकीय मेडिकल कॉलेज, जयपुर, अजमेर, बीकानेर, कोटा, उदयपुर, जोधपुर एवं डीएमआरसी जोधपुर सहित 7 राजकीय संस्थाओं में निशुल्क जांच की जा रही है। राजकीय चिकित्सक के परामर्श पर निशुल्क एवं स्वयं द्वारा जांच कराने पर 500 रुपए की राशि से यह सुविधा उपलब्ध है। स्वाइन फ्लू रोग के उपचार के लिए सभी तरह की दवाइयां राजकीय चिकित्सालयों में निशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही हंै।
निजी मेडिकल कॉलेजों में भी निशुल्क जांच की सुविधा
चिकित्सा शिक्षा सचिव आनंद कुमार ने निजी मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। बैठक में निजी मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधियों ने चिकित्सा शिक्षा सचिव के आग्रह पर स्वाइन फ्लू की निशुल्क जांच सुविधाएं उपलब्ध कराने पर सहमति जताई। इसके अतिरिक्त शहर के प्रमुख निजी चिकित्सा संस्थानों ने भी स्वाइन फ्लू की निशुल्क जांच कराने की सहमति दी है। बैठक में निम्स मेडिकल कॉलेज, महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज, जेएनयू मेडिकल कॉलेज सहित अन्य निजी चिकित्सा संस्थानों के प्रतिनिधिगण मौजूद थे।
अतिरिक्त निदेशक डॉ. आदित्य आत्रेय ने बताया कि स्वाइन फ्लू के जांच के लिए सैंपल कलेक्शन की सुविधा राज्य में सभी राजकीय चिकित्सालयों में है। स्वाइन फ्लू के उपचार के लिए टेमीफ्लू सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध है। निजी चिकित्सा संस्थानों को उनकी मांग के अनुरूप यह दवा उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि बुखार, सिर दर्द, गले में खरास, नाक बहना एवं उल्टी-दस्त आदि लक्षण प्रतीत होने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेना आवश्यक है।
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