प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता अभय कुमार ने बताया कि सरसों, चना, गेहूं एवं
लहसुन की अब तक लगभग लगभग 4 हजार करोड़ रुपये की 10 लाख मैट्रिक टन खरीद हो
चुकी है। उन्होंने बताया कि सरवाड़, बकानी, उनियारा एवं बीकानेर क्षेत्र में
उपज की गुणवत्ता को लेकर कुछ समस्या आ रही है इस संबंध में संबंधित जिला
कलक्टर इसको व्यक्तिगत रूप से देखते हुए हल करें। ये भी पढ़ें - लकवे के मरीज यहां से जाते है ठीक होके
कुमार ने कहा कि
किसानों को सही समय पर भुगतान हो यह हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि
वेयर हाउस रिसिप्ट को शीघ्रता से जनरेट कराकर राजफैड को तत्काल भेजे जिससे
राजफैड द्वारा ईमेल से नैफेड को भेजकर भुगतान राशि प्राप्त की जा सके।
उन्होंने कहा कि जैसे ही माल खरीदें तुरन्त ही गोदामों में जमा करायें।
उन्होंने कहा कि खरीद की गुणवत्ता जांच एवं समय पर उपज जमा हो इसके लिये
प्रशासन एवं कृषि विभाग से सहयोग लिया जायेगा।
रजिस्ट्रार, सहकारिता
राजन विशाल ने कहा कि यह सुनिश्चित करें कि ऋण माफी कैम्प के दौरान नया ऋण
वितरण भी किसानों को हो। नया ऋण वितरण डिजिटल मेंबर रजिस्टर (डीएमआर) के
माध्यम से हो। उन्होंने कहा कि जिन ब्रान्चों में ऋण माफी शिविर आयोजित हो
रहे हैं उन ब्रान्चों के अधीन व्यवस्थापक, ब्रान्च मैनेजर एवं लोन
सुपरवाइजर का प्रशिक्षण भी करवायें। उन्होंने 6-7 जिलों में वेलिडेशन के
कार्य में शीघ्रता लाने के लिये संबंधित प्रबंध निदेशकों को निर्देश दिये।
राजफैड
की प्रबंध निदेशक डॉ. वीना प्रधान ने कहा कि सभी के सहयोग से समर्थन मूल्य
पर खरीद अच्छी चल रही है। उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर उपज जमा कराने के
लिये गोदामों के बाहर ट्रक खड़े हैं इसके लिये समीप के गोदामों में उपज का
भण्डारण करवाया जाये। उन्होंने कहा कि लहसुन बेचान के लिये ऑनलाइन एवं
ऑफलाइन बिडिंग हो रही है। व्यापारी समय पर माल का उठाव करे यह सुनिश्चित
किया जाये।
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