जयपुर। राजस्थान सूक्ष्म एवं
लघु उद्यम सुविधा
परिषद ने मंगलवार को
उद्योग भवन में
आयोजित 43 वीं बैठक में
राज्य की एमएसएमई इकाईयों के
बकाया भुगतान के
प्रकरणों को आपसी समझौते
से निपटाते हुए
13 प्रकरणों को
समाप्त किया गया
है। बैंठक में
एक प्रकरण को
रिजेक्ट किया गया हैं।
उद्योग आयुक्त डॉ.
समित शर्मा ने
बताया कि केन्द्र सरकार
के एमएसएमईडी एक्ट
2006 के
प्रावधानों के अनुसार सूक्ष्म एवं
लघु उद्योगों से
सामान प्राप्त करने
वाले उद्योगों या
संस्था को राषि
का भुगतान 45 दिन
में नहीं होने
की स्थिति में
संबंधित पक्ष उद्योग आयुक्त
की अध्यक्षता में
गठित सूक्ष्म एवं
लघु उद्यम सुविधा
परिषद में वाद
प्रस्तुत कर राहत प्राप्त कर
सकते हैं। एमएसएमईडी एक्ट
2006 के
प्रावधानों के अनुसार 45 दिन
में भुगतान नहीं
करने वाले पक्ष
को मूलधन एवं
विलंबित अवधि की बैंक
ब्याज दर की
3 गुणा दर से
ब्याज का भुगतान
करना होता है।
उद्योग आयुक्त डॉ.
शर्मा की अध्यक्षता में गठित परिषद् के
उद्योग आयुक्त डॉ.
समित शर्मा के
अलावा संयोजक राज्य
स्तरीय बैंकर्स समिति एन.सी.
उप्रेती, उद्योग संघों के
प्रतिनिधि ताराचंद गोयल, राजेन्द्र राठी
व योगेश
गौतम सदस्य है।
शर्मा ने
बताया कि सुविधा
परिषद के प्रयासों से
राज्य की सूक्ष्म एवं
लघु उद्यमों को
बकाया भुगतान प्राप्त करने
में सहयता मिल
रही है। उन्होंने बताया
कि अधिकांष प्रकरणों में
दोनों पक्षों को
समझाइष कर भुगतान
संबंधी विवादों के
निपटारे के प्रयास किए
जा रहे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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