जयपुर। जयपुर डिस्काॅम के अन्तर्गत आने वाले क्षेत्रों में बिजली
चोरी पर प्रभावी अंकुश लगाने व छीजत कम करने के लिए सतर्कता दलों द्वारा
लगातार गहन विजीलेन्स चैकिंग की जा रही है और संख्यात्मक जांच के स्थान पर
गुणात्मक विजीलेन्स चैकिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इसके
कारण गत वर्ष की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष के दिसम्बर माह तक बिजली चोरी
के मामलों में जुर्माना राशि की वसूली में लगभग 1900 लाख रुपए की वृद्धि
हुई है और जुर्माना राशि नही देने वाले 658 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया
गया है, जबकि गत वर्ष की इसी अवधि में केवल 233 व्यक्ति ही गिरफ्तार हुए
थे।
जयपुर डिस्काॅम के प्रबन्ध निदेशक की आर.जी.गुप्ता ने बताया कि
चैकिंग अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए है कि बिजली चोरी के मामलों
में भरी गई वीसीआर की निर्धारित राशि यदि उपभोक्ता जमा नही कराता है तो
उसके विरुद्ध एफआईआर दर्ज करा कर उसकी गिरफ्तारी हो।
उन्होंने
बताया कि विजीलेन्स चैकिंग प्रक्रिया में किए गए परिवर्तन के अनुसार
गुणात्मक विजीलेन्स चैकिंग के लिए अधिकारियों के लक्ष्य को कम करके भरी गई
वीसीआर के निर्धारित समय में अंतिम निस्तारण की जिम्मेदारी भी सम्बन्धित
अधिकारियों को दी गई है।
इसके साथ ही हाई वेल्यू कन्ज्यूमरों की
जांच पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत दिसम्बर, 2017 तक
87136 उपभोक्ताओं में से 71897 उपभोक्ताओं की सतर्कता जांच की जा चुकी है।
इसके परिणामस्वरुप प्रति वीसीआर औसत निर्धारण राशि गत वर्ष की तुलना में
चालू वित्तीय वर्ष में 11715 रुपए से बढकर 16485 रुपए एवं औसत वसूली राशि
4500 से बढकर 8500 रुपए हो गई है।
गुप्ता ने बताया कि विजीलेन्स
विंग द्वारा बिजली चोरी करवाने में लिप्त निगमकर्मियों के विरुद्ध ठोस
विधिक कार्यवाही की जा रही है और अब तक इस कार्यवाही में 11 निगमकर्मियों
को गिरफ्तार किया गया है तथा आगे भी बिजली चोरी में लिप्त निगमकर्मियों के
खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
जयपुर डिस्काॅम के सतर्कता एवं अधिकारियों द्वारा गत दो वर्षों में बिजली चोरी के प्रकरणों में की गई कार्यवाही की तुलनात्मक स्थिति की बात करें तो साल 2016-17 में करीब 13421.44 लाख रूपये का राजस्व निर्धारण तय किया गया जिसमें से 5207.64 लाख रूपये की राजस्व वसूली की गई। वहीं 9518 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इसमें 233 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें 210 के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया जा चुका है।
वहीं बात करें तो 2017-18 में 13908.85 लाख रूपये का राजस्व निर्धारण तय किया गया जिसमें से 7089.97 लाख रूपये की राजस्व वसूली की गई। वहीं 9809 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इसमें 658 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें 365 के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया जा चुका है जोकि पिछले एक साल की तुलना में कहीं ज्यादा है।
लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के लिए गजट अधिसूचना जारी
धनबल, मंदिर-मस्जिद के नाम पर वोट का न हो गलत इस्तेमाल : मायावती
टोक्यो के मेडटेक शो में पहुंची यमुना अथॉरिटी की टीम, मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए जुटाएगी निवेश
Daily Horoscope