जयपुर। प्रदेश में आमजन की सुरक्षा एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए
सोमवार को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की ओर से द्रवीकृत पेट्रोलियम
गैस (एलपीजी) के अवैध भण्डारण और घरेलू गैस सिलेंडरों के प्रावधानों की
पालना सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस संबंध में जारी निर्देश में विभाग की शासन सचिव मुग्धा सिन्हा
ने कहा है कि प्रदेश के सभी जिला रसद अधिकारी व विभाग के संबंधित अधिकारी
स्वायत शासन विभाग की सहभागिता के माध्यम से अपने अधिकारिता क्षेत्र के
विवाह स्थलों, सामुदायिक केन्द्रों एवं क्षेत्रधिकार में आने वाले ऎसे
समस्त स्थानों जहां पर (घरेलू अथवा व्यवसायिक) गैस का उपयोग होता है, में
होने वाले समारोह/गतिविधियों के दौरान गैस के दुरूपयोग, एक सिलेण्डर से
दूसरे सिलेण्डर में गैस अन्तरण व भण्डारण संबंधी नियमों की पालना सुनिश्चित
करें।
उन्होंने कहा है कि प्रदेश के विभिन्न
जिलों में अवैध रूप से घरेलू गैस सिलेण्डरों से व्यवसायिक गैस
सिलेण्डरों/वाहनों में अनाधिकृत एलपीजी रिफलिंग के प्रकरण सामने आ रहे हैं,
जो कि भयंकर दुर्घटना का रूप लेकर जान-माल के क्षति का कारण बनते हैं।
सिन्हा ने बताया कि बिना समूचित प्राधिकार के एलपीजी का अंतरण द्रवीकृत
पेट्रोलियम गैस (प्रदाय और वितरण विनियमन) आदेश, 2000 के अनुच्छेद संख्या
(4) (6) (7) एवं सपठित अनुच्छेद (13) के अन्तर्गत अवैधानिक एवं प्रतिबन्धित
है। उक्त आदेश की अवेहलना आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 3/7 के तहत
दण्डनीय अपराध है और इस संबंध में विभाग की ओर से जिला रसद अधिकारी एवं
संबंधित ऑयल कम्पनियों द्वारा संयुक्त रूप से जांच कर अवैध रिफलिंग के
विरूद्ध नियमित सतर्कता कार्यवाही करने के निर्देश जारी किए जाते रहे हैं
तथापि उक्त गतिविधियों पर पूर्ण रोक नहीं लग पाई है।
उन्होंने
बताया कि हाल ही में राज्य सरकार के निर्णयानुसार गत एक अप्रैल से 15
अप्रैल, 2018 तक की अवधि में सुरक्षा पखवाडा के तहत सघन अभियान चलाकर
प्रदेश के विभिन्न जिलों में संचालित अवैध गतिविधियों के विरूद्ध जिला रसद
अधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक एवं संबंधित ऑयल कम्पनियों के संयुक्त जांचदल का
गठन करके द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस (प्रदाय और वितरण विनियमन) आदेश, 2000 और
आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत कडी कार्यवाही करने तथा सुरक्षा मानकों
का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश जारी किए गए थे, जिसके
परिणामस्वरूप जिलों में व्यापक कार्यवाही करते हुए एफआईआर के 14, जब्ती के
191 व 6ए के 191 प्रकरण बनाए गए।
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