चिकित्सा मंत्री ने कहा कि डायबिटीज अनेक रोगों की जननी मानी जाती
है। प्रारंभिक दौर में ही जांच कर डायबिटीज का निदान और उचित इलाज ही
एकमात्र रास्ता है। उन्होंने बताया कि जनघोषणा पत्र में प्रदेशवासियों को
स्वास्थ्य का अधिकार देने का संकल्प लिया गया है। इस संकल्प को पूरा करने
के लिए संकल्पबद्ध होकर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश
में निःशुल्क दवा व जांच योजना को प्रभावी ढ़ंग से लागू कर आम जन को
स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने
विशेषज्ञ चिकित्सकों से मौसमी बीमारियों सहित लाइफस्टाइल पर आधारित
बीमारियों के सम्बंध में उपचार के साथ ही व्यापक जनचेतना जागृत करने में
योगदान करने का आव्हान किया। उन्होंने रोगियों के इलाज के लिए चिकित्सा
क्षेत्र से जुड़े सभी चिकित्सकों को नियमित प्रशिक्षण प्रदान किए जाने की भी
आवश्यकता प्रतिपादित की।
प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा हेमन्त
गेरा ने कहा कि डायबिटीज की समस्या अब शहरी क्षेत्रों के साथ ही ग्रामीण
क्षेत्रों में भी बदलती जीवन शैली के कारण बढ रही है। डायबिटीज जैसी गंभीर
चुनौती का सामना करने के लिए इस संबंध में व्यापक जनचेतना आवश्यक है।
आयोजन
समिति के अध्यक्ष डॉ. सुधीर भंडारी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया
कि कॉन्फ्रेंस में देशभर से करीब 2000 चिकित्सकों को डायबिटीज से जुड़े
अनेको विषयों पर प्रशिक्षित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में देशभर से 100 से
अधिक प्रशिक्षकों के अलावा विदेशों से भी 40 प्रशिक्षक आए हैं।
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