जयपुर,। महानिदेशक पुलिस उमेश मिश्रा ने मंगलवार को राजस्थान पुलिस स्थापना समारोह के अंतर्गत राजस्थान पुलिस अकादमी सभागार में राजस्थान पुलिस हेकाथान पोर्टल का शुभारंभ किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस अवसर पर पुलिस समुदाय आउटरीच से साइबर अपराध निस्तारण विषय पर सेमीनार आयोजित की गई। सेमीनार को एडीजीपी केरल मनोज अब्राहम, फाउण्डर टैक कॉन्प्रो संजय सहाय, प्रोफेसर आईआईटी जोधपुर डॉ सोमित्र सनाढ्य एवं सीआईओ एयू स्माल फाईनेंस बैंक अंकुर त्रिपाठी ने अपने विचार व्यक्त किए।
डिजिटल जागरूकता अत्यंत आवश्यक
मिश्रा ने सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है और वर्तमान साइबर युग मे साइबर अपराध के खतरों को देखते हुए डिजिटल जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों को भी साइबर सम्बन्धित ज्ञान आवश्यक है। नई तकनीक के बढ़ते उपयोग को दृष्टिगत रखते हुए उन्होंने सभी नए तरीको को सीखने पर बल दिया।
मिश्रा ने बताया कि बढ़ते साइबर अपराधों को ध्यान में रखते हुए राजस्थान पुलिस द्वारा साइबर सुरक्षा से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम प्रारंभ किये जा रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राजस्थान पुलिस हेकाथान पोर्टल का शुभारंभ भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। साइबर अपराधों की शिकायत 1930 नम्बर पर अथवा साइबर क्राइम डॉट जीओवी डॉट इन पर दर्ज कराई जा सकती है।
एक लाख 28 हजार सिम और एक लाख मोबाईल सेट को किया अनएक्टिव
डीजीपी साइबर सुरक्षा डॉ रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि पुलिस बढ़ते साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए व्यापक पैमाने पर कार्य कर रही है। पिछले दिनों मेवात क्षेत्र में करीब एक लाख 28 हजार सिम और एक लाख मोबाईल सेट को अनएक्टिव किया गया। प्रदेश के सभी जिलों में साइबर थाने स्वीकृत किये गए हैं एवं 50 करोड़ रू की लागत से सेन्टर फ़ॉर साईबर सेक्युरिटी की स्थापना की जा रही है। उन्होंने बताया कि राजस्थान पुलिस हेकाथान पोर्टल के माध्यम से विभिन्न गतिविधियां आयोजित कर डिजिटल जागरूकता को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पुलिस इंटर्नशिप प्रोग्राम के माध्यम से युवाओं को जोड़कर उनके विचारों पर भी कार्य कर रही है।
साइबर अपराधों की चुनौती के लिए बने वन नेशन प्रोटोकॉल
एडीजीपी केरल मनोज अब्राहम ने तकनीकी क्रांति के वर्तमान दौर में पूर्ण साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने को बड़ी चुनौती बताते हुए विस्तार से साइबर खतरों पर प्रकाश डाला। उन्होंने डेटा को नया धन बताते हुए कहा कि हर क्षेत्र में डेटा की उपयोगिता बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा के लिए पुलिस के साथ ही साइबर विशेषज्ञ, बैंक, व्यावसायिक संगठन, कम्पनीज, विश्विद्यालय आदि के सामुहिक प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि हैकर्स द्वारा यूक्रेन, बंगला देश, इक्वाडोर सहित कई देशों के बैंक हैक किये जा चुके हैं। साथ ही सुरक्षा, पेयजल, ऑइल डिपो, अनुसंधान संस्थान आदि पर अटैक किये जा चुके हैं।
अब्राहम ने कहा कि इन खतरों को देखते हुए साइबर सुरक्षा को प्रथमिकता दिया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि फ़ोर्स में शत प्रतिशत साइबर शिक्षा के साथ ही नवीनतम साइबर ज्ञान के लिए प्रशिक्षण भी आवश्यक है। उन्होंने साइबर अपराधों की चुनौती का सामना करने के लिए वन नेशन प्रोटोकॉल बनाए जाने की आवश्यकता प्रतिपादित की।
फाउण्डर टैक कॉन्प्रो के संस्थापक एवं पूर्व आईपीएस अधिकारी श्री संजय सहाय ने कर्नाटक मॉडल की जानकारी दी। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य नई तकनीक के महत्व को रेखांकित करते हुए फोर्स को प्रशिक्षित करने पर जोर दिया।
प्रोफेसर आईआईटी जोधपुर डॉ सोमित्र सनाढ्य ने सूचना प्रौद्योगिकी से सम्बंधित विभिन्न प्रावधानों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि तकनीकी विस्तार निरन्तर प्रगति पर है। उन्होंने बैंकों द्वारा डिजिटल सुरक्षा के साथ ही उपभोक्ता की सुविधा का ध्यान रखना भी आवश्यक है।
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