जयपुर। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ एवं राजस्थान पंचायती राज सेवा परिषद के पदाधिकारियों के मध्य शुक्रवार को पंचायती राज के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की वर्तमान में चल रही हड़ताल को समाप्त करने के सम्बन्ध में वार्ता हुई।
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ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने बताया कि राजस्थान ग्रामीण विकास सेवा के अधिकारियों को राजस्थान प्रशासनिक सेवा की तर्ज पर सीनियर, सलेक्शन एवं सुपर टाईम स्केल में पदोन्नति दिलाने, पंचायत प्रसार अधिकारियों का पदनाम सहायक विकास अधिकारी करने पंचायत प्रसार अधिकारियों के अगले पदोन्नति पद सहायक सचिव का पदनाम अतिरिक्त विकास अधिकारी करने तथा इस पद को राजपत्रित घोषित करने एवं विकास अधिकारी के 25 प्रतिशत पदों को अतिरिक्त विकास अधिकारी की पदोन्नति द्वारा भरे जाने इत्यादि मांगों पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 13 सितम्बर 18 को आयोजित बैठक में सहमति हो चुकी है तथा इस सम्बन्ध में सम्बन्धित सेवा नियमोंं में आवश्यक संशोधन की प्रक्रिया प्रारम्भ किये जाने का निर्णय अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्त, प्रमुख शासन सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग तथा आयुक्त एवं शासन सचिव, पंचायती राज की उपस्थिति में लिया जा चुका है।
इस संबंध मेंराजस्थान पंचायत राज सेवा के पदाधिकारियों द्वारा ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री से यह मांग की गई कि जब तक सम्बन्धित सेवा नियमों में संशोधन कर उसकी अधिसूचना उन्हें उपलब्ध नहीं कराई जाती तब तक वे हड़ताल समाप्त नहीं करेंगें। ग्रामीण विकास मंत्री द्वारा पुनः यह अवगत कराया गया कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के निर्णयों के क्रियान्वयन के लिए कार्यवाही प्रारम्भ की जा चुकी है तथा पत्रावली वित्त विभाग में प्रेषित कर दी गई है। इसके बाद कार्मिक विभाग, विधि विभाग एवं राजस्थान लोक सेवा आयोग की सहमति तथा मंत्रिमण्डल से अनुमोदन की आवश्यकता होगी इसमें लगभग 15 दिवस का समय लगने की सम्भावना है जिसे राजस्थान पंचायती राज सेवा परिषद के पदाधिकारियों द्वारा अस्वीकार किया गया एवं इस पर बल दिया गया कि जब तक अधिसूचना जारी नहीं होती है तब तक वे अपनी हड़ताल जारी रखेंगे।
वर्तमान में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज की विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत कार्य द्रुत गति से सम्पादित हो रहें हैं जिसमें लाखों श्रमिकों को रोजगार मिला हुआ है। जनहित में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री द्वारा विभागीय अधिकारियों को यह निर्देश दिये गये हैं कि तत्काल हड़ताल पर गये हुए विकास अधिकारियों का कार्यभार पंचायत समिति के सहायक अभियन्ता को एवं ग्राम विकास अधिकारियों के पद का कार्यभार पंचायत के कनिष्ठ लिपिक को देने के आदेश जारी किये जायें ताकि ग्रामीण विकास की योजनाओं के क्रियान्वयन पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़े तथा लाखोंं श्रमिकों के समक्ष रोजगार का संकट उत्पन्न नहीं हो, साथ ही हड़ताल पर जाने वाले एवं हडताल के लिए पे्ररित करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने के भी निर्देश प्रदान किये गये।
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