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जयपुर। राजस्थान पुलिस उपनिरीक्षक (एसआई) भर्ती में कथित भारी भ्रष्टाचार और धांधली के खिलाफ युवाओं का आंदोलन मंगलवार को भी जयपुर के शहीद स्मारक पर जारी रहा। भर्ती रद्द करने और राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के पुनर्गठन की मांग को लेकर बड़ी संख्या में युवा, छात्र, बेरोजगार और विभिन्न समाजों के प्रबुद्ध लोग दिनभर धरने पर डटे रहे।
मंगलवार को सांसद हनुमान बेनीवाल ने दिन में दिल्ली में संसदीय समिति की बैठक में भाग लिया, लेकिन शाम को वे वापस जयपुर पहुंचकर धरने में शामिल हुए। धरनास्थल पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह लड़ाई केवल एक भर्ती को रद्द करवाने की नहीं है, बल्कि व्यवस्था के भ्रष्ट और अपारदर्शी ढांचे के खिलाफ है। उन्होंने युवाओं के हितों के लिए इस लड़ाई को निर्णायक स्तर तक ले जाने का संकल्प दोहराया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आश्चर्यजनक रूप से, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस पार्टी के कई पदाधिकारियों ने भी शहीद स्मारक पहुंचकर धरने को अपना समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार युवाओं के साथ अन्याय कर रही है और इस भर्ती में हुई धांधली की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
धरने को संबोधित करते हुए सांसद बेनीवाल ने आंदोलन के अगले चरण की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच रहा है। यदि सरकार ने जल्द ही उनकी मांगों को नहीं माना, तो जयपुर सचिवालय का घेराव निश्चित है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि आंदोलनकारी शांतिपूर्वक अपनी मांगों को लेकर बैठे हैं, लेकिन वे अपने दृढ़ संकल्प के साथ अगले कदम की तैयारी में हैं। युवाओं का यह आंदोलन सरकार पर दबाव बनाने और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए लगातार जारी है।
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