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जयपुर / नई दिल्ली । राजसमन्द की सांसद दीयाकुमारी ने कहा कि राजसमन्द संसदीय क्षेत्र शिक्षा के क्षेत्र में आज भी पिछड़ा हुआ है, जिसका भुगतान यहां के मेधावी छात्र छात्राओं को करना पड़ रहा है।
सांसद दीयाकुमारी ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियल निशंक से मुलाकात के दौरान राजसमंद ज़िला मुख्यालय पर केंद्रीय विद्यालय खोलने एवं राजसमंद लोकसभा क्षेत्र मे एक केंद्रीय विश्वविद्यालय खोलने के बारे में आग्रह करते हुए कहा कि राजसमन्द की जिला बने दो दशक से ज्यादा बीत गए पर आज भी राजसमन्द का जिला मुख्यालय एक केंद्रीय विद्यालय और एक केंद्रीय विश्वविद्यालय को तरस रहा है। सांसद ने कहा की राजसमन्द संसदीय क्षेत्र क्रमशः राजसमंद, कुम्भलगढ, नाथद्धारा, भीम, ब्यावर( अजमेर), डेगाना, मेड़ता (नागौर) और जैतारण(पाली) जैसी आठ विधानसभाओं और चार जिलों में बिखरा हुआ क्षेत्र है लेकिन देवगढ़ और ब्यावर में ही केंद्रीय विद्यालय है, राजसमन्द जिला मुख्यालय होने के उपरांत भी केंद्रीय विद्यालय नहीं है जिसका खामियाजा आम जनता और विद्यार्थियों को उठाना पड़ रहा है।
सांसद ने विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य की चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों को बेहतर और उच्च शिक्षा उपलब्ध करवाना हमारा नैतिक दायित्व है जिसे पूरा किया जाना चाहिए।
राजसमन्द में क्यों आवश्यक है केंद्रीय विद्यालय-
राजसमंद जिला मुख्यालय होने के बाद भी यहां पर केन्द्रीय विद्यालय नहीं है और राजसमंद से ब्यावर के केन्द्रीय विद्यालय की दूरी लगभग 200 किलोमीटर है वहीं देवगढ की दूरी लगभग 80 किलोमीटर है। ऐसे में जिला मुख्यालय व उसके आस-पास रहने वाले सैनिक परिवार एंव आमजन जो अपने बच्चों को केन्द्रीय विद्यालय में अध्ययन करवाना चाहते हैं, दूरी होने एवं सीटे कम होने के कारण प्रवेश नहीं दिलवा पा रहे हैं, जबकि राजसमंद बड़ा मार्बल व खनिज औद्योगिक क्षेत्र है जहां बड़ी संख्या में श्रमिक वर्ग कार्य कर रहा है। राजसमंद जो कि अन्य आठो विधानसभा क्षेत्रों से सड़क मार्ग से सीधे जुडा हुआ है। इसलिए यहां राजसमंद मुख्यालय पर केन्द्रीय विद्यालय खोले जाने की लम्बे समय से मांग है।
क्यों है केंद्रीय विश्वविद्यालय की जरूरत-
क्षेत्र में उच्च शिक्षा उपलब्धता काअवलोकन करें तो हम पाएंगे कि वर्तमान में राजस्थान में सिर्फ किशनगढ(अजमेर) में ही केन्द्रीय विश्वविद्यालय है जो कि राजसमंद से लगभग 250 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यदि हम अन्य विश्वविद्यालयों की
बात करे तो जय नारायण विश्वविद्यालय, जोधपुर 300 किलोमीटर दूर है, राजस्थान विश्वविद्यालय 350 किलोमीटर है, महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर 220 किलोमीटर , मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय लगभग 60 किलोमीटर है। राजमसंद जिला मुख्यालय है और रेलवे लाइन मावली के माध्यम से पूरे भारत से जुड़ा हुआ है मावली से राजसमंद की दूरी लगभग 40 किलोमीटर है जो कि मीटर गेज से जुडी हुई है। राजसमंद के समीप नाथद्धारा 20 किलोमीटर ब्रॉडगेज से जुडा हुआ है।
राजसमंद जिले के 9 महाविद्यालयों में लगभग 10 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है जो कि आगे की शिक्षा प्राप्त करने के लिए उत्सुक है।
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