सुधीर कुमार शर्मा ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जयपुर। सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण भारत के प्रसिद्ध त्योहार दीपावली पर आतिशबाजी न हो, ऐसा तो हो नहीं सकता, मगर अभी तक पटाखा बाजार परवान नहीं चढ़ा है। दुकानों पर नाममात्र की खरीदारी हो रही है। होलसेल पटाखा व्यापारियों का कहना है कि इस वर्ष अभी तक की स्थिति से दीपावली पर आतिशबाजी का बाजार सूना रहने के आसार हैं। इसका कारण यह है कि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस साल आतिशबाजी के दामों में 10 से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई है। अभी हाल यह है कि होलसेल की दुकानों पर दुकानदार ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं। उम्मीद है कि धनतेरस के बाद पटाखों की बिक्री जोर पकड़ लेगी।
पिछले वर्ष जो लोग एक हजार रुपए का पटाखा जलाते थे, उन्हें इस वर्ष वही पटाखा 1500 से 1600 रुपए में मिलेगा। आज के समय में 10 रुपए तक के पटाखे को सही नहीं माना जाता है। 50 रुपए से ऊपर कीमत वाले पटाखे को ही अच्छा माना जा रहा है, लेकिन बढ़ती महंगाई के कारण लोगों की जेब पहले ही ढीली हो रही है।
इंदिरा बाजार में पटाखा शॉप के संचालक कुणाल कुमार ने बताया कि इस बार तो अभी तक खाली बैठे हैं। दुकान पर ग्राहक न के बराबर आ रहे हैं। पिछले साल के मुकाबले इस बार होलसेल के बाजार में काफी कमी आई है। महंगाई ने पहले ही सभी बाजारों की कमर तोड़ रखी है, अब इस असर आतिशबाजी पर भी पड़ रहा है। कुणाल कुमार का कहना है कि अभी महीने का लास्ट चल रहा है। सरकारी कर्मचारियों और अन्य कर्मचारियों को वेतन माह के अंत में मिलेगा, तब खरीदारी बढ़ सकती है। वैसे पिछले वर्षों में हाल यह होता था कि इन दिनों में बाजार में खासी भीड़ रहती थी, लेकिन इस बार खास रुझान नहीं दिखाई दे रहा है। बाजारों में भी भीड़भाड़ नहीं है। अभी तक मात्र 5 प्रतिशत खरीदार ही पहुंच पा रहे हैं। हालांकि दीपावली पर सजावट के लिए लाइटिंग आदि का होलसेल वालों का काम अच्छा चल रहा है।
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