- गिरिराज अग्रवाल -
जयपुर। राजस्थान रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने एक महत्वपूर्ण मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। शिकायतकर्ता मोहित भटनागर द्वारा बॉनी बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ दायर केस में रेरा ने आदेश दिया है कि कंपनी शिकायतकर्ता को 32,32,827 रुपए की राशि ब्याज समेत रिफंड करे। यह मामला ‘बॉनी ड्रीम्स’ प्रोजेक्ट से जुड़ा है, जिसमें खरीदार ने 2017 में फ्लैट बुक किया था और कंपनी ने 2020 तक फ्लैट का पजेशन देने का वादा किया था। लेकिन प्रोजेक्ट अब तक अधूरा है और पजेशन में देरी हो रही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मोहित भटनागर ने रेरा के समक्ष धारा 31 के तहत शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने 24,99,000 रुपए में फ्लैट बुक किया था, जिसमें से उन्होंने 22,74,000 रुपए का भुगतान कर दिया था। इसके लिए दोनों पक्षों के बीच 10 अप्रैल 2017 को एक बिल्डर बायर एग्रीमेंट भी किया गया था, जिसमें अप्रैल 2020 तक फ्लैट देने का वादा किया गया था। शिकायतकर्ता ने 20 अगस्त 2022 को कंपनी को एक कानूनी नोटिस भेजा था, जिसका कंपनी ने कोई जवाब नहीं दिया।
शिकायतकर्ता के वकील तन्मय जैन ने रेरा को बताया कि ग्राहक ने अब तक कुल 22,74,000 रुपए का भुगतान किया है, जिसमें 2,49,000 रुपए एडवांस के तौर पर दिए गए थे। कंपनी ने प्री-ईएमआई के भुगतान का वादा किया था, लेकिन केवल 59,707 रुपए का भुगतान किया गया। वकील ने पूर्ण भुगतान के साथ-साथ कुल 9,82,322 रुपए (प्री-ईएमआई ब्याज 9,58,827 रुपए + 23,495 रुपए प्री-ईएमआई प्रिंसिपल) की राशि भी वापस करने का आग्रह किया।
बिल्डर कंपनी के वकील अमित छंगानी ने कहा कि शिकायतकर्ता को अब तक 50,191 रुपए का भुगतान किया गया है, जबकि 1,61,341 रुपए की राशि अभी भी बकाया है। उन्होंने बताया कि कंपनी प्री-ईएमआई राशि को बिक्री मूल्य में समायोजित करने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि कंपनी के निदेशक की गिरफ्तारी के कारण प्रोजेक्ट में देरी हुई है और वर्तमान में प्रोजेक्ट 'लैप्स' कैटेगरी में है, जिसमें लिफ्ट का काम अभी भी लंबित है।
रेरा ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह पाया कि प्रोजेक्ट की स्थिति अभी भी अधूरी है और शिकायतकर्ता को पजेशन देने में देरी हो रही है। रेरा ने आदेश दिया कि कंपनी शिकायतकर्ता को 32,32,827 रुपए की राशि, जिसमें जमा राशि 22,74,000 रुपए और प्री-ईएमआई ब्याज व प्रिंसिपल के 9,82,322 रुपए शामिल हैं, 11.10% की दर से ब्याज सहित वापस करे। यह ब्याज पजेशन की अपेक्षित तिथि, यानी अप्रैल 2020 से गणना की जाएगी। इस आदेश का पालन 45 दिनों के भीतर करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
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