(सत्येंद्र शुक्ला)
जयपुर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे प्रदेश के विभिन्न जिलों का दौरा करके आम जनता की समस्याओं को जानने में लगी हैं, वहीं प्रदेश के कुछ जिले ऐसे हैं जहां मुख्यमंत्री का दौरा हो चुका है, उसके बावजूद वहां का प्रशासन डीएमएफटी के लिए संग्रहित करोड़ों रुपए दबाए बैठा है और अभी तक इस धनराशि में से 19 जिलों में कोई भी विकास कार्य शुरू नहीं हो सका है।
खास खबर डॉट कॉम को मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश के 19 जिलों का प्रशासन जिला खनिज आधार न्यास (District Mineral Foundation Trust) के तहत विकास कार्यों के लिए स्वीकृत धनराशि व्यय करने में नाकाम साबित हुआ है। इन जिलों में डीएमएफटी कोष में जमा धनराशि से शिक्षा विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग, चिकित्सा-स्वास्थ्य विभाग, ग्रामीण विकास, पीएचईडी, वन विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, जल संसाधन विभाग के स्वीकृत कार्यों पर धनराशि खर्च होनी थी, लेकिन यह धनराशि डीएमएफटी कोष में जमा है और खर्च नहीं हो सकी है।
खास खबर डॉट कॉम को मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश के छह जिले तो ऐसे हैं, जिनमें डीएमएफटी कोष में लाखों रुपए जमा हैं, लेकिन वर्ष 2017-2018 के प्लान के लिए गवर्निंग काउंसिल की बैठक ही नहीं हुई। इन छह जिलों में जैसलमेर, नागौर, टोंक, जोधपुर, भरतपुर और करौली शामिल हैं। इन जिलों में जैसलमेर के डीएमएफटी कोष में 1212.74 लाख रुपए, नागौर में 2030.42 लाख रुपए, टोंक में 597.49 लाख रुपए, जोधपुर में 602.73 लाख रुपए, भरतपुर में 892.52 लाख रुपए और करौली में 222.45 लाख रुपए 28 फरवरी 2018 तक जमा थे, लेकिन इन छह जिलों में डीएमएफटी कोष की धनराशि से होने वाले विकास कार्यों को लेकर एक भी बैठक नहीं हुई। इस बारे में इस साल इन सभी छह जिलों के कलेक्टरों को प्रमुख शासन सचिव अपर्णा अरोरा ने पत्र भी लिखा था। वहीं 13 जिले ऐसे है, जहां बैठकें तो हुईं, लेकिन धनराशि अभी तक खर्च नहीं हुई है। इन जिलों में अजमेर, जयपुर, पाली, बाड़मेर, कोटा, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, बूंदी, बारां, अलवर, जालोर और धौलपुर शामिल हैं। यहां अजमेर जिले की बात करें तो यहां के डीएमएफटी कोष में 11137.73 लाख रुपए जमा हैं और वर्ष 17-18 के लिए अनुमोदित प्लान के कार्यों की संख्या 131 है। इन कार्यों पर 4900.22 लाख रुपए खर्च होने हैं, लेकिन इन कार्यों में से सिर्फ 4 की वित्तीय स्वीकृति जारी हुई है, जिन पर 22.10 लाख रुपए खर्च होने थे, जो अभी तक भी खर्च नहीं हो सके है। जयपुर के डीएमएफटी कोष में 4001.38 लाख रुपए, पाली में 4928.84 लाख, बाड़मेर में 4526.24 लाख, कोटा में 1846.34 लाख, डूंगरपुर में 207.80, बांसवाड़ा में 1334.14 लाख, प्रतापगढ़ में 222.56, बूंदी में 945.33 लाख, बारां में 74.50 लाख, अलवर में 574.83 लाख, जालोर में 253.00 लाख, और धौलपुर में 263.75 लाख रुपए डीएमएफटी कोष में जमा है। इन जिलों में अनुमोदित प्लान के कार्य भी स्वीकृत हुए हैं, लेकिन धनराशि अभी तक खर्च नहीं हो सकी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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