जयपुर। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने
सोमवार को राज्य विधानसभा में बताया कि गत वर्ष प्रदेश में महात्मा गांधी
नरेगा योजना में 5 हजार करोड़ रुपये खर्च कर 20 करोड़ से अधिक मानव दिवस
सृजित कर लोगों को रोजगार दिया गया है।
उन्होंने
आश्वस्त किया कि मनरेगा योजना में केन्द्र सरकार से राशि प्राप्त होते ही
बकाया राशि का भुगतान कर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में मनरेगा
में 7 लाख 18 हजार 664 कार्य स्वीकृत किये गये थे जिसका मुख्य उद्देश्य
गरीबों को रोजगार देकर आर्थिक उत्थान करना। राठौड़ ने कहा कि
मनरेगा अधिनियम के तहत मांग अनुसार विभिन्न वर्गां को रोजगार देने की
वरियता सूची है, उसी के अनुसार रोजगार दिया जा रहा है। उन्होंने अपना खेत
अपना काम योजना में आवारा पशुओं से सुरक्षा के लिए खेतों की तारबन्दी का
कार्य की मनरेगा अधिनियम में अनुमति नहीं है, लेकिन किसान खेतों की सुरक्षा
के लिए गहरी खाई खोद कर व कच्ची मिट्टी की ऊँची दीवार बनाकर उनपर कटीली
झाड़िया या पौधे लगाकर रोक सकते हैं। उन्होंने बताया कि अपना खेत अपना काम
योजना में व्यक्तिगत लाभ योजना में 15 जुलाई, 2015 से राशि 2 लाख से बढ़ाकर 3
लाख कर दिया हैै। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राठौड़ ने कहा कि
मुख्यमंत्री के प्रयासों से मनरेगा योजना में स्कुलों की पक्की चार दीवारी
निर्माण कराने के लिए अनुमत किया गया। सभी सदस्य अपने क्षेत्रों के स्कूलों
की चार दीवारी निर्माण मनरेगा में कराने का ठोस प्रयास करें।
उन्होंने
मनरेगा में बनायी जाने वाली ग्रेवल सड़कों का 10 साल की अवधि को घटाकर 5
साल कर दिया है। उन्होंने अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त ग्रेवल सड़कों के
सम्बन्ध में कहा कि उचित प्रस्ताव आने पर ग्रेवल सड़कें ठीक करायी जायेगी।
इससे
पहले विधायक गौतम कुमार के मूल प्रश्न का जवाब देते हुए ग्रामीण
विकास मंत्री ने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा योजना, महात्मा गांधी नरेगा
अधिनियम 2005 के तहत संचालित योजना है, जिसमें अधिनियम की अनुसूची 1 के
पैरा 5 में वर्णित परिवारों के लिए पैरा 4 (1) प्प् प्रवर्ग ‘आ’ में वर्णित
कार्य कराए जाने का प्रावधान है। इन कार्यों को कराए जाने के लिए राज्य
सरकार द्वारा योजना का नाम ‘‘अपना खेत अपना काम‘‘ दिया गया है। अधिनियम की
अनुसूची 1 के पैरा 5 तक की प्रति उन्होंने सदन के पटल पर रखी। उन्होंने
उक्त योजनाओं से वर्ष 2013 से 2017 तक विधान सभा क्षेत्र बड़ी सादड़ी में
लाभान्वित हुए परिवारों का संख्या विवरण पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायतवार
सदन के पटल पर रखा।
ग्रामीण विकास मंत्री
राठौड़ ने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा अधिनियम 2005 की अनुसूची 1 के पैरा 5
में वर्णित पात्र परिवारों के कार्य नियमानुसार अनुमोदित वार्षिक कार्य
योजना में सम्मिलित होने पर एवं उनकी आवश्यकता के अनुरूप फसलों को आवारा
पशुओं रोजडों आदि से बचाने के लिए दिशा निर्देश 10 जून, 2016 को जारी किये
गये हैं, जिसकी प्रति उन्होंने सदन के पटल पर रखी। उन्होंने बताया कि
ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशानुसार तारबन्दी का कार्य
योजनान्तर्गत नही कराया जा सकता है।
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