जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में सोमवार से कोरोना के गंभीर रोगियों का प्लाज्मा थैरेपी तथा गैर कोविड रोगियों का टेली मेडिसिन के माध्यम से उपचार प्रारंभ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए राजस्थान अपने हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को इस तरह मजबूत बना रहा है कि भविष्य में हम किसी भी संकट का सफलतापूर्वक सामना कर सकें। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गहलोत ने कहा कि आईसीएमआर ने एसएमएस अस्पताल को प्लाज्मा थैरेपी से उपचार के लिए इजाजत दे दी है। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण किसी भी गैर कोविड मरीज को उपचार के लिए परेशानी का सामना नहीं करना पड़े इसके लिए सोमवार से चरणबद्ध रूप से एक वेब पोर्टल के जरिए टेलीकन्सल्टेन्सी सेवा की शुरूआत होगी। इसके पहले चरण में 30 चिकित्सकों के माध्यम से रोगियों को परामर्श दिया जाएगा। इसके लिए एक मोबाइल ऐप भी तैयार की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गैर कोरोना रोगियों के लिए हमने 428 मोबाइल ओपीडी वैन चलाई थी, जिनमें अब तक करीब 1 लाख 60 हजार रोगियों ने सेवाएं ली हैं। उन्होंने कहा कि पहले राज्य में कोरोना रोगियों के लिए जांच सुविधा नहीं थी। हमें सैम्पल बाहर भेजने पड़ते थे, लेकिन अब प्रदेश में 10 हजार जांचंे प्रतिदिन हो रही हैं और हमारा लक्ष्य इसे 25 हजार प्रतिदिन करना है। हमने अमेरिका से कोबास कम्पनी की 2 मशीनें मंगवाई हैं, जो एक साथ 4 हजार टेस्ट कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि पीसीआर टेस्ट में काम आने वाली आरएनए किट्स भी अब हम स्वयं के स्तर पर खरीद सकेंगे ताकि इनकी कमी नहीं रहे।
गहलोत ने कहा कि यह समय आरोप-प्रत्यारोप का नहीं है बल्कि एकजुट होकर इस जंग के खिलाफ भागीदारी निभाने का है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना की जंग को लेकर जो प्रयास किए हैं, उनकी सराहना पूरा देश कर रहा है। मैंने कभी भी इसका श्रेय लेने का प्रयास नहीं किया बल्कि सभी प्रदेशवासियों को इसका श्रेय दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार से 2700 करोड़ और 1500 करोड़ रूपए का जो फण्ड मिला है। वह नियमित राशि है, यदि कोरोना की महामारी नहीं आती तब भी हमें यह राशि मिलती ही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते करीब 2 माह में राज्य सरकार के राजस्व में करीब 10 हजार करोड़ रूपए की कमी आई है। बेहतर वित्तीय प्रबंधन के लिए हमने एक अध्ययन करवाया था, जिसकी रिपोर्ट आ गई है। उसके आधार पर आगे निर्णय लेेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण लंबे समय तक आर्थिक गतिविधियों के बंद रहने से राज्यों की आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। ऐसे में केन्द्र को बड़ा आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज देना चाहिए।
गहलोत ने कहा कि अब तक करीब 15 लाख श्रमिकों एवं प्रवासियों ने आवागमन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है। राज्य सरकार लगातार प्रवासियों एवं श्रमिकों के सकुशल आवागमन के लिए प्रयासरत है। अब तक करीब 1 लाख प्रवासी राजस्थान आ चुके हैं और करीब 60 हजार श्रमिक अन्य राज्यों में जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, बिहार, तेलंगाना, महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश की राज्य सरकारें श्रमिकों एवं प्रवासियों के अंतर्राज्यीय आवागमन के लिए फिलहाल तैयार नहीं हैं। हम उनसे लगातार सम्पर्क कर अनुमति के लिए प्रयासरत हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन आज भी लागू है। कोरोना का खतरा अभी कम नहीं हुआ है। ऐसे में लोग बेवजह बाहर नहीं निकलें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राजस्थान ऐपिडेमिक डिजीजेज अध्यादेश-2020 लागू कर अधिसूचनाएं जारी की हैं। इसमें कोविड-19 को महामारी घोषित किया गया है। साथ ही, इसके तहत दुकानदार, ग्राहक एवं सार्वजनिक और कार्य स्थल पर हर व्यक्ति को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। सामाजिक दूरी (न्यूनतम 6 फीट) बनाए रखनी होगी। कोई व्यक्ति पान, गुटखा, तम्बाकू आदि नहीं बेच सकेगा और सार्वजनिक स्थान पर नहीं थूक सकेगा तथा शराब नहीं पी सकेगा। शादी-समारोह के लिए उपखण्ड मजिस्ट्रेट को पूर्व सूचना देनी होगी। साथ ही, इनमें 50 से अधिक व्यक्ति नहीं हो सकेंगे। अंतिम संस्कार में भी 20 से अधिक व्यक्तियों को इजाजत नहीं होगी। इन नियमों का उल्लंघन करने पर 200 रूपए से लेकर 10 हजार रूपए तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
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