जयपुर। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती महाराज के शिष्यों ने विद्याधरनगर स्टेडियम में हो रही रामकथा में तुलसी पीठाधीश्वर रामभद्राचार्य महाराज द्वारा दो दिन पूर्व जम्मू-कश्मीर में धारा-370 के संबंध में दिए गए बयान को आधार बनाकर दिए गए वक्तव्य पर आपत्ति जताई है। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती महाराज के शिष्य देवकीनंदन पुरोहित ने कहा कि धारा 370 को बहाल करने की बात अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने कभी नहीं कही। कोई भी धारा 370 को बहाल करने के पक्ष में नहीं है। अपने कथन के लिए रामभद्राचार्य महाराज को शंकराचार्य से क्षमा मांगनी चाहिए। उन्हें अपनी बात कहने से पहले पूरे तथ्य मालूम करने चाहिए थे। अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने वस्तुत: यह कहा था कि जम्मू-कश्मीर में जब धारा 370 लागू थी तब गौहत्या करने वाले को 10 वर्ष की सजा का प्रावधान था। धारा 370 के हटने के बाद पुराना कानून समाप्त हो गया है। ऐसे में वहां गौ हत्या बढ़ गई है। इसी संदर्भ में गौ हत्या के खिलाफ आंदोलन कर रहे ताराचंद कोठारी ने कहा कि जगद्गुरू शंकराचार्य जम्मू-कश्मीर में गौ हत्या बढऩे से चिंतित है। केन्द्र सरकार को धारा 370 हटाते समय गौ हत्या के कड़े प्रावधान लागू रखने का भी निर्णय लेना चाहिए थे।
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गौ क्रांति मंच के प्रदेश अध्यक्ष ताराचंद कोठारी ने कहा कि सनातन धर्म संतों और शंकराचार्यों से निवेदन है कि वे जन भावनाओं का समझते हुए अपना वक्तव्य दें। एक-दूसरे को नीचा दिखाने के लिए प्रवचन नहीं दें। इससे सनातन धर्म ही कमजोर होता है। संत-महंत और शंकराचार्य गौ हत्या बंद करवाने के लिए आगे आए, आमरण अनशन करें गौ क्रांति मंच संतों के साथ खड़ा मिलेगा। गौ हत्या पर रोक लगाने के लिए मुझे स्वयं अपने जीवन का बलिदान करना पड़े तो पीछे नहीं हटूंगा।
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