जयपुर। प्रदेश में अवैध बजरी खनन व बजरी की कालाबाजारी रोकने और सस्ती बजरी उपलब्ध करवाने की मांग को लेकर 15 दिनों से कांग्रेसजनों द्वारा राजधानी की विभिन्न चौखटियों पर आम श्रमिकों के साथ मिलकर सरकार की बजरी नीति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। इसी क्रम में गुरुवार को विधानसभा पर हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं व भवन निर्माण करने वाले श्रमिकों के साथ धरना दिया गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
धरने को संबोधित करते हुए राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने अवैध बजरी खनन को संरक्षण दे रखा है, जिससे आम लोगों के लिए भवन निर्माण बूते के बाहर हो गया है। उन्होंने कहा कि खनन घोटाला करने वाली भाजपा सरकार ने खनन माफिया को संरक्षण दे रखा है, जिससे बजरी की कालाबाजारी हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने जिस तरह से प्रदेश में जनादेश का अपमान किया है, उसी का परिणाम है कि 17 विधानसभा सीटों पर गत उपचुनावों में भाजपा को करारी शिकस्त मिली है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार के जनप्रतिनिधियों की आपसी फूट सामने आ रही है, जिससे साबित हो गया है कि भाजपा के भीतर असंतोष चरम पर है।
उन्होंने कहा कि किसानों को भ्रमित करने के लिए सरकार ने गत बजट में उन्हें झुंझुना पकड़ा दिया है। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने गरीब के रोजगार को बंद कर उसके साथ अन्याय किया है। भाजपा सरकार की विदाई का आगाज उपचुनावों के साथ हुआ है और गरीबों का शोषण करने वाली भाजपा सरकार को आगामी विधानसभा चुनावों में धूल चटाने के लिए जनता तैयार बैठी है। विधानसभा में सरकार विपक्ष को सुनना नहीं चाहती है और उन्हीं के विधायक द्वारा बजरी खनन के मुद्दे को उठाए जाने पर उसकी अनदेखी की गई है, जो बताता है कि सरकार जान-बूझकर इस समस्या का निराकरण नहीं करना चाहती है। बजरी खनन को लेकर कांग्रेस ने जिस तरीके से आम जनता को विश्वास में लिया है, उसी का परिणाम है कि आज हजारों की संख्या में कांग्रेसजनों के साथ आम मजदूरों ने विधानसभा के बाहर सरकारी नीति के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर अपने आक्रोश व्यक्त किया है।
धरने को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं राजस्थान सहप्रभारी विवेक बंसल ने कहा कि मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने डॉ. अर्चना शर्मा के नेतृत्व में आम मजदूरों की पीड़ा को जिस प्रकार से गत पखवाड़े में उजागर किया है, उसी का परिणाम है कि आज हजारों की संख्या में धरने पर श्रमिकों व मजदूरों ने पहुंचकर कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार की खनन नीति व कालाबाजारी को संरक्षण दिए जाने का पुरजोर तरीके से विरोध किया है। उन्होंने कहा कि गत चार वर्षों में भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों का कांग्रेस पार्टी ने हर स्तर पर विरोध कर जनता को न्याय दिलाने का काम किया है। उपचुनावों की जीत के पीछे भी कांग्रेस पार्टी की जनता के बीच मौजूदगी व उनके हित के लिए संघर्ष सबसे बड़ा कारण रहा है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि सदन में कांग्रेस विधायकों ने और सदन के बाहर कांग्रसेजनों ने बजरी खनन के ज्वलंत मुद्दे को उठाकर सरकार द्वारा की जा रही कालाबाजारी व अवैध खनन को लेकर आम जनता की आवाज को बुलंद किया है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रदेश की भाजपा सरकार तीन महिने से निरंतर खनन पर लगे प्रतिबंध को लेकर गंभीर नहीं है और समस्या के समाधान के कोई काम नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि जब तक बजरी खनन सुचारू नहीं होगा, तब तक कांग्रेस संघर्ष करती रहेगी।
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